अमेरिकी कांग्रेस में मोदी के भाषण में आतंकवाद, लोकतंत्र, यूक्रेन युद्ध, इकोनॉमी समेत कई मुद्दों बात रखी, कविता भी सुनाई

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Atul Tiwari
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अमेरिकी कांग्रेस में मोदी के भाषण में आतंकवाद, लोकतंत्र, यूक्रेन युद्ध, इकोनॉमी समेत कई मुद्दों बात रखी, कविता भी सुनाई

WASHINGTON. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राजकीय दौरे (स्टेट विजिट) पर हैं। 22 जून (गुरुवार) को उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र (जॉइंट सेशन) को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान आतंकवाद, लोकतंत्र, यूक्रेन युद्ध और इकोनॉमी समेत कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना दोनों देशों पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने इस दौरान 26/11, 9/11 को भी याद किया। जानें उनके भाषण की 10 प्रमुख बातें...





1. लोकतंत्र हमारी आत्मा, हम इसे जीते हैं 





1. व्हाइट हाउस में पीएम मोदी से एक महिला पत्रकार ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों को लेकर सवाल पूछा. पत्रकार ने कहा, 'लोग कहते हैं भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। बहुत सारे मानवाधिकार संगठन कहते हैं कि आपकी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करती है? इस सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, 'मुझे आश्चर्य हो रहा है कि आप कह रहे हैं कि लोग कहते हैं...लोग कहते ही नहीं, बल्कि भारत लोकतंत्र है। भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारी आत्मा है। लोकतंत्र हमारे रगों में है। लोकतंत्र को हम जीते हैं और हमारे पूर्वजों ने उसको संविधान के रूप में शब्दों में ढाला है। हमारी सरकार लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों पर बने हुए संविधान के आधार पर चलती है।





2. भारत में कोई भेदभाव नहीं है





लोकतंत्र में जाति, पंथ, धर्म, लिंग... किसी भी भेदभाव को जगह नहीं है। जब आप लोकतंत्र की बात करते हैं, तब अगर मानव मूल्य नहीं हैं, मानवता नहीं है। मानवाधिकार नहीं है तो वह लोकतंत्र है ही नहीं। जब आप लोकतंत्र की बात कहते हैं तो उसको स्वीकार करते हैं, उसको लेकर जीते हैं, फिर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता। भारत 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मूलभूत सिद्धांतों को साथ लेकर चलता है।





3. सीमा पार आतंकवाद खत्म करने के लिए कार्रवाई जरूरी





भारत और अमेरिका आतंकवाद और कट्टरवाद से लड़ने में एक साथ खड़े हैं। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। हम सहमत हैं कि क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है। भारत-प्रशांत क्षेत्रमें शांति और सुरक्षा यह हमारी साझा प्राथमिकता है। 





4. यूक्रेन युद्ध का हल बातचीत से निकले





यूक्रेन वॉर की वजह से यूरोप पर युद्ध का संकट बढ़ रहा है। इसमें कई शक्तियां शामिल हैं। युद्ध के कारण विकासशील देश प्रभावित हुए हैं। यूएन चार्टर के मुताबिक विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और दूसरों की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। मैंने खुलकर और जाहिर तौर पर कहा है कि यह युद्ध का दौर नहीं है, बल्कि बातचीत और कूटनीति का दौर है। हमें लोगों को हो रही पीड़ा को मिलकर रोकना चाहिए।





5. टेररिज्म मानवता का दुश्मन





हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी टकराव का असर देखने को मिल रहा है। हम मिलकर खुशहाली चाहते हैं। 9/11 अटैक और 26/11 के हमले के बाद आतंकवाद एक बड़ी चिंता बन गया है। हमले के एक दशक से ज्यादा समय के बाद भी अब तक कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने के लिए कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता। आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ हमें मिलकर लड़ना चाहिए।





6. भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा





हमारे यहां 2,500 से ज्यादा राजनीतिक दल हैं। विभिन्न राज्यों में करीब 20 अलग-अलग पार्टियां शासन करती हैं। हमारी 22 आधिकारिक भाषाएं हैं और हजारों बोलियां हैं, फिर भी हम एक स्वर में बोलते हैं। हर 100 मील पर खानपान बदल जाते हैं। दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा भारत में रहता है। भारत का विकास दूसरे देशों को प्रेरित करता है। भारत आज विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जल्द ही तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। भारत विकास करता है तो दुनिया विकास करती है।





7. भारत में महिलाएं नेतृत्व कर रहीं





आज के भारत में महिलाओं की स्थिति बेहतर हुई है। महिलाएं बेहतर भविष्य का नेतृत्व कर रही हैं। भारत की राष्ट्रपति आदिवासी समाज से आती हैं। 15 लाख महिलाओं को अलग-अलग स्तर पर नेतृत्व करते देखा जा रहा है। देश की सेनाओं में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में हैं।





8. भारत और अमेरिका का एक दूसरे पर प्रभाव





भारत-अमेरिका दोनों महान लोकतांत्रिक देश हैं। लोकतंत्र से दोनों देशों के गहरे संबंध हैं। अमेरिकी सपनों के लिए भारत बराबर का साझीदार है। अमेरिकी सपनों में भारतीयों का भी योगदान है। 200 सालों से हमने आपसी भरोसे को बढ़ाया है। भारत-अमेरिका के संबंधों पर महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर का प्रभाव है। दो सदी तक हमने एक-दूसरे को प्रभावित किया है. भारत और अमेरिका के लिए लोकतांत्रिक मूल्य मायने रखते हैं। लोकतंत्र समानता और सम्मान का प्रतीक है। भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र ही चर्चा और विमर्श का जरिया है। अमेरिका अगर सबसे पुराना देश है तो भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हम मिलकर दुनिया को नया भविष्य दे सकते हैं। हमने आजादी के 75 साल का जश्न मना रहे हैं।





9. कविता भी सुनाई- अभी तो सूर्य उगा है





यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। अमेरिका, भारत का सबसे अहम डिफेंस पार्टनर है। अमेरिकी कंपनी के विकास से भारत में विकास हो रहा है। भारत और अमेरिका स्पेस और समुद्र में भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत में विमान की मांग से यूएस में रोजगार बढ़ता है। यूएस में भारतीयों का बड़ा योगदान है। अमेरिका आज भारत का सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी है। दुनिया बदल रही है, अब संस्थाएं भी बदलनी चाहिए। सभी देशों की बात सुनी जानी चाहिए। पीएम मोदी ने अपनी लिखी कविता का भी सुनाई- 'आसमान में सिर उठाकर घने बादलों को चीरकर, रोशनी का संकल्प लें, अभी तो सूर्य उगा है. दृढ़ निश्चय के साथ चलकर, हर मुश्किल को पार कर घोर अंधेरे को मिटाने, अभी तो सूर्य उगा है।'





अमेरिका में मोदी ने अब तक क्या क्या किया?





पीएम मोदी 20 जून को न्यूयॉर्क पहुंचे थे। यहां उन्होंने एलन मस्क सहित कई बड़े सीईओ के साथ बैठक की। अगले दिन 21 जून को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व किया। इसके बाद पीएम वॉशिंगटन पहुंचे। पीएम ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडन के साथ वर्जीनिया में मुलाकात की। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने पीएम मोदी के लिए निजी डिनर की मेजबानी की। 22 जून को ही पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया।







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