PM Narendra Modi का टला संबोधन, CAA NRC UCC पर बड़े ऐलान के थे कयास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोमवार शाम 5.30 बजे देश के नाम होने वाला संबोधन टल गया है। पीएम मोदी के इस संबोधन की खबर मिलते ही देशवासी इसका इंतजार करने लगे थे। लोगों को उम्मीद थी कि पीएम मोदी CAA , NRC या UCC को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

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Marut raj
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भोपाल.   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोमवार शाम 5.30 बजे देश के नाम होने वाला संबोधन टल गया है। पीएम मोदी के इस संबोधन की खबर मिलते ही देशवासी इसका इंतजार करने लगे थे।  लोगों को उम्मीद थी कि पीएम मोदी CAA , NRC या UCC को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। पीएम मोदी CAA , NRC या UCC को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते थे, आइए आपको बताते हैं कि CAA , NRC या UCC क्या है....

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क्या है सीएए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ देर में देश को संबोधित करेंगे। संभावना है कि वे सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA लागू करने का ऐलान कर सकते हैं। CAA को हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

CAA के ऑनलाइन पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका ड्राई रन भी कर लिया है। सूत्रों ने कहा कि CAA इन पड़ोसी देशों के उन शरणार्थियों की मदद करेगा जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। मंत्रालय को लंबी अवधि के वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पाकिस्तान से मिले हैं।

गरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2919 भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है, जिसके द्वारा सन 1955 का नागरिकता कानून को संशोधित करके यह व्यवस्था की गयी है कि 31 दिसम्बर सन 2014 के पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी एवं ईसाई को भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकेगी।

CAA लोकसभा चुनाव के पहले लागू होगा: शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने 10 फरवरी को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि CAA देश का एक्ट है, इसे हम यकीनन नोटिफाई करेंगे। इसे चुनाव से पहले नोटिफाई किया जाएगा और चुनाव से पहले इसे लागू भी किया जाएगा। इसे लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए।

जानें क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड ( UCC )

यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) या समान नागरिक संहिता, देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून बनाने की वकालत करती है। इसका मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए कानून एक समान होगा। यूसीसी में विवाह, तलाक, विरासत, और गोद लेने के नियम एक ही होंगे। अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है, तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना, और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक ही कानून होगा। यूसीसी संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आती है। इसमें कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता बिल पेश हो गया है। कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा।

क्या है एनआरसी 

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर। यह भारत में रहने वाले सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड होता है। एनआरसी को 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में शुरू किया गया था और यह असम के अलावा किसी और राज्य में लागू नहीं है। एनआरसी पहली बार 1951 में तैयार किया गया था। 1951 की जनगणना के बाद, जनगणना के दौरान गणना किए गए सभी लोगों का विवरण दर्ज करके एनआरसी तैयार किया गया था। एनआरसी को 1955 के नागरिकता अधिनियम में 2003 के संशोधन माध्यम से अधिकृत किया गया था। इसका मकसद भारत के सभी वैध निवासियों का दस्तावेजीकरण करना है, ताकि अवैध अप्रवासियों की पहचान की जा सके और उन्हें हटाया जा सके। एनआरसी का मकसद, सटीक नागरिकता रिकॉर्ड सुनिश्चित करना और किसी देश के भीतर जनसांख्यिकीय बदलावों से जुड़ी जानकारी हासिल करना है।

 

 

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