रेलवे की 3 परियोजनाओं को मंजूरी, MP समेत इन राज्यों को मिलेगा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसमें भारतीय रेलवे में 7,927 करोड़ रुपए की लागत से 3 मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

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Ravi Singh
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Cabinet Meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सोमवार 25 नवंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें भारतीय रेलवे में 7 हजार 927 करोड़ रुपए की लागत से 3 मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। यह परियोजना "पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान" के तहत भारत के रेल नेटवर्क को आधुनिक और कुशल बनाने की दिशा में एक और कदम है।

मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं में खास

मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं में जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी) का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी) का निर्माण किया जाएगा। साथ ही प्रयागराज मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी) का निर्माण किया जाएगा। ये परियोजनाएं 3 राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 7 जिलों को कवर करती हैं।

खंडवा और चित्रकूट में कनेक्टिविटी बढ़ेगी

इस परियोजना से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में करीब 639 किलोमीटर की दूरी और जुड़ जाएगी। दो महत्वाकांक्षी जिलों खंडवा और चित्रकूट में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इससे करीब 1319 गांवों और करीब 38 लाख आबादी को सेवा मिलेगी। मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी रूट पर कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

परियोजनाओं से क्या होगा लाभ?

इन परियोजनाओं का उद्देश्य यात्रा को आसान बनाना, रसद लागत को कम करना, तेल आयात को कम करना और CO2 उत्सर्जन को कम करना है। नई तीसरी लाइन से इस खंड पर यातायात का दबाव कम होगा और यात्रियों को तेज और सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिलेगा। परियोजना के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा प्रयागराज, चित्रकूट और वाराणसी जैसे धार्मिक स्थलों के साथ-साथ खजुराहो, देवगिरी किला और रीवा किला जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान हो जाएगी। इस परियोजना से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 271 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी, जो 11 करोड़ पेड़ों के बराबर है।

38 लाख लोगों की कनेक्टिविटी बेहतर

प्रयागराज और चित्रकूट के बीच तीसरी रेल लाइन से यात्रियों और माल ढुलाई के लिए अतिरिक्त ट्रेनें चलाना संभव हो सकेगा। इस परियोजना से करीब 1,319 गांवों और 38 लाख लोगों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इसके अलावा तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को धार्मिक स्थलों तक पहुंचने में और सुविधा होगी। इस परियोजना को पूरा होने में चार साल लगेंगे और इस दौरान करीब एक लाख मानव दिवस के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी रेल लाइन

यह परियोजना "पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान" के तहत भारत के रेल नेटवर्क को आधुनिक और कुशल बनाने की दिशा में एक और कदम है। प्रयागराज और मानिकपुर के बीच तीसरी रेल लाइन क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी और लोगों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर देगी। यह परियोजना न केवल प्रयागराज के विकास को गति देगी बल्कि उत्तर प्रदेश के समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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