सूडान में ईद से पहले 72 घंटे का संघर्ष विराम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान से भारतीयों को निकालने के लिए की हाई-लेवल मीटिंग

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The Sootr
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सूडान में ईद से पहले 72 घंटे का संघर्ष विराम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान से भारतीयों को निकालने के लिए की हाई-लेवल मीटिंग

NEW DELHI. सूडान में चल रही लड़ाई के बीच फंसे भारतीयों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई-लेवल मीटिंग की। सूडान में ईद से पहले हुए 72 घंटे के संघर्ष विराम की घोषणा की गई है। इस बीच पीएम ने भारतीय नागरिकों की निकासी और उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचने के लिए सभी विकल्पों पर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए है। पीएम ने सूडान की लड़ाई में मारे गए एक भारतीय की मौत पर संवेदना जताई। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को चौकन्ना रहने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि सूडान के आसपास के देशों से संपर्क रखें। 




— ANI (@ANI) April 21, 2023



पीएम मोदी ने सूडान में हाल के घटनाक्रमों का किया आकलन 



पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों और सूडान में भारत के राजदूत समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने सूडान में हाल के घटनाक्रमों का आकलन किया। साथ ही वहां रहे करीब 3,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर और जमीनी हालात पर रिपोर्ट ली।



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भारत के करीब डेढ़ हजार नागरिक फंसे हुए हैं



इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सूडान के लगातार बिगड़ते हालात पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की थी। दरअसल, सूडान में पिछले कई दिनों से मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच लड़ाई जारी है। WHO के मुताबिक, इसमें अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 3500 लोग घायल हुए हैं। इस लड़ाई का केंद्र बनी राजधानी खार्तूम में भारत के करीब डेढ़ हजार नागरिक भी फंसे हुए हैं। वहीं सूडानी शहर अल-फशेर में कर्नाटक के हक्की-पिक्की आदिवासी समुदाय के 31 लोग शामिल हैं।



संघर्ष विराम का फायदा उठाना चाहते हैं कई देश



इस बीच सूडान में आरएसएफ ने 72 घंटे के संघर्ष विराम की घोषणा की है। ऐसे में भारत समेत कई देश इस संघर्ष विराम के बीच युद्ध क्षेत्र में तब्दील हुई राजधानी खारतूम और अन्य प्रभावित इलाकों से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने का दरवाजा तलाश रहे हैं।  



पड़ोसी देशों की मदद से भारतीयों को निकालने का है प्रयास



इस बीच भारत संयुक्त राष्ट्र संघ और अमेरिका, सऊदी अरब, ब्रिटेन, UAE, मिस्र समेत अन्य देशों के भी संपर्क में है, जिससे जरूरत पड़ने पर सूडान के पड़ोसी देशों की मदद से भी निकासी अभियान चलाया जा सके।फिलहाल कोशिश है कि भीषण लड़ाई वाले इलाकों से लोगों को अपेक्षाकृत सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके।



14 अप्रैल से बिगड़े हुए है हालात



बीते सप्ताह 14 अप्रैल, शुक्रवार से लड़ाई शुरू हुई थी। इसके बाद हालात लगातार खराब बने हुए हैं। खारतूम एयरपोर्ट और उसके नजदीक का इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां भारतीय दूतावास भी मौजूद है। रिपोर्ट हैं कि दूतावास सहित कई इमारत लड़ाई के दौरान निशाना बनी है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस बात की तस्दीक की है कि सभी भारतीय राजनयिक सुरक्षित हैं और लगातार लोगों के साथ संपर्क में हैं।

 


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