Bhiwani. हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से सटे सायबर ठगी के गढ़ बन चुके 14 गांवों में छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है। राजस्थान और उत्तरप्रदेश के बॉर्डर से सटे मेवात के इन गांवों से पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने साइबर ठगी के लिए उपयोग में लाए गए 2 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबर बंद करवा दिए हैं। खास बात यह है कि इस रेड में हरियाणा पुलिस के करीब 5 हजार जवान शामिल थे।
इतनी पुलिस देख गांवों में मची खलबली
बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने 9 राज्यों में 32 साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट की जानकारी दी थी। इनमें हरियाणा के मेवात, भिवानी, नूह, पलवल, मनोटा, हसनपुर और हथन गांव शामिल थे। जिसके बाद पुलिस ने इन सभी गांवों में छापा डालने की तैयारी कर ली थी। पुलिस की 102 टीमों ने 14 गांवों को घेर लिया। मेवात जिले के पुन्हाना, पिंगवा, बिछौर, फिरोजपुर थाना इलाके के महू, तिरवड़ा, गोकलपुर, लुहिंगा कला, अमीनाबाद, नई, खेड़ला, गादौल, जेमंत, गुलालता, जखोपुर, पापडा और मामलिका में छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस की इन 102 टीमों में 4 से 5 हजार पुलिस कर्मी शामिल थे। जिन्होंने एक एक कर साइबर ठगी में लगे हुए 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
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लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध
दरअसल देश में लगातार साइबर अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते एक साल में ही साइबर क्राइम की अधिकृत वेबसाइट पर 20 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई गईं। 40 हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। वहीं साइबर ठग भी ठगी के नए-नए तरीके ईजाद करते चले जा रहे हैं।
झारखंड का जामताड़ा है सबसे बड़ा गढ़
झारखंड के जामताड़ा जिले को साइबर ठगी का गढ़ माना जाता है, यहां कई ऐसे गांव हैं जहां सैकड़ों युवा पेशेवर ढंग से साइबर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। यहां तक कि जामताड़ा पर एक वेब सीरीज भी बन चुकी है। यहां के युवा साइबर ठगी के जरिए हर महीने लाखों का वारा-न्यारा करते हैं। बड़ी बात यह है कि स्थानीय पुलिस पर भी इन गिरोहों को संरक्षण देने का आरोप लगता रहा है।