उत्तर प्रदेश के आगरा में इंस्पेक्टर शैली राणा से मारपीट के मामले में जांच पूरी होने के बाद बड़ा एक्शन लिया गया है। इस मामले में 11 पुलिसकर्मी अनुशासनहीनता सहित अन्य आरोप के दोषी पाए गए हैं। जांच में थाना पुलिस की संलिप्तता भी सामने आई है। एसीपी ने अपनी जांच रिपोर्ट डीसीपी को सौंप दी है।
दो निलंबित, छह को लाइन हाजिर
इस मामले में पुलिस ने पहले ही गीता, उनके भाई ज्वाला सिंह और भाभी सोनिका को जेल भेजा था। इसके अलावा मूकदर्शक बनकर तमाशा देखने वाले रकाबगंज के आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इनमें दो को निलंबित तो छह को लाइन भेजा गया था।
एसीपी सुकन्या कर रही मामले की जांच
मामले की जांच एसीपी सदर डॉ. सुकन्या शर्मा कर रही थीं। उन्होंने थाने में तैनात कई पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए। इसके अलावा इंस्पेक्टरों से भी जानकारी ली।
जांच में कई तथ्य आए सामने
जांच में कई तथ्य सामने आए हैं, जिनमें तीन और पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाया गया है। घटना के बाद मूकदर्शक बने पुलिसकर्मियों को अकर्मण्यता, अनुशासनहीनता और गोपनीयता भंग करने का दोषी माना गया है। साथ ही जांच में सामने कि पवन की पत्नी को बुलाया गया था। इसके बाद घर भी दिखाया गया। वीडियो बनाने के भी इंतजाम किए गए थे।
मेडिकल अवकाश पर थे इंस्पेक्टर पवन
इंस्पेक्टर पवन मेडिकल अवकाश पर थे और घर से प्रयागराज जाने की बात कहकर आए थे। अपना एक मोबाइल भी बंद कर लिया था। पत्नी से संपर्क नहीं कर रहे थे, जिस पर उनकी पत्नी नजर रखे हुए थीं। पत्नी गीता परिजन के साथ आई थीं। इसके बाद बवाल हुआ था।
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