राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर बोले- मोदी नहीं, इन चार फैक्टर्स से जीती बीजेपी

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Vikram Jain
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राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर बोले- मोदी नहीं, इन चार फैक्टर्स से जीती बीजेपी

PATNA. बिहार में पद यात्रा पर निकले जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर अपने राज्य के सियासी और समाजी पिछड़ेपन के समाधान का नुस्खा तैयार करने का दावा कर रहे हैं। राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले पीके ने अब कांग्रेस को आईना दिखाया है। उनका कहना है कि कांग्रेस के लिए बीजेपी को हारना इतना आसान नहीं है। बीजेपी को वोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण नहीं, पार्टी की रणनीति की वजह से मिलता है। आप किसी को भी हराना चाहते हैं तो सबसे पहले उसकी ताकत समझिए।

पीके ने देश के तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के पीछे चार बड़े फैक्टर बताए। उन्होंने कहा, हिन्दुत्व, राष्ट्रवाद, संगठन और लाभार्थियों की वजह से बीजेपी को जीत मिली है। तेलंगाना और कर्नाटक का भी उन्होंने गणित बता दिया। आईए आपको बताते हैं और क्या बोले पीके...।

प्रशांत किशोर ने बताई बीजेपी की जीत की वजह

राष्ट्रवाद: गांव-देहात में हम सुनते हैं कि भारत आज विश्व गुरु बन गया। दुनिया में भारत की शान बढ़ रही है। इतना बड़ा जी-20 हो गया है। ये जो राष्ट्रवाद की भावना है, लोग उसके आधार पर भी बीजेपी को वोट देते हैं।

हिन्दुत्व: बीजेपी की विचारधारा हिन्दुत्व है और देश में विचारधारा से जुड़ा बहुत बड़ा वर्ग है। ये वर्ग बीजेपी को इसलिए वोट देता है, क्योंकि उसका बीजेपी वाले हिन्दुत्व में यकीन है।

संगठन: जब आप आरजेडी से चुनाव लड़ते हैं तो आपको पैसा खर्च करना है, जबकि आप बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं तो पार्टी आपको पैसे देती है और अच्छे से चुनाव लड़ने में मदद करती है। बीजेपी की जमीनी स्तर पर संगठन में अच्छी पैठ है।

लाभार्थी: देश के विभिन्न हिस्सों में जिन लोगों को सरकार की अलग-अलग योजनाओं से सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है, वह भी बीजेपी का बहुत बड़ा वोट बैंक है।

कांग्रेस को ऐसे दी सीख

प्रशांत किशोर ने कहा, बीजेपी के हिन्दुत्व के सामने कांग्रेस को कोई वैकल्पिक विचारधारा लानी होगी। बीजेपी के राष्ट्रवाद के आगे कांग्रेस को राष्ट्रवाद में आगे दिखना चाहिए। लाभार्थियों के लिए जो बीजेपी कर रही है, उससे अच्छा काम कांग्रेस को करना चाहिए। एक मॉडल होना चाहिए। जितनी ताकत बीजेपी की संगठन की जमीन पर है, उससे ज्यादा ताकत से कांग्रेस को संगठन खड़ा करना होगा। जब तक कांग्रेस इन चार फैक्टर्स में से तीन पर काम नहीं करेगी, तब तक उसे 10 में से 7 बार हार का ही सामना करना पड़ेगा।

तेलंगाना में लोगों ने कांग्रेस को नहीं जिताया

प्रशांत किशोर बोले, तेलंगाना और कर्नाटक में जिन लोगों को लगता है कि कांग्रेस जीत गई तो मैं कहना चाहता हूं कि ये वोट कांग्रेस को नहीं मिला। ये वोट वहां की सरकार के खिलाफ है। लोग केसीआर के खिलाफ वोट करना चाहते थे, तो एक दल के तौर पर वहां कांग्रेस ही थी। इसलिए वह जीत गई।

प्रशांत किशोर को भी जान लीजिए

साल 2014 में एक प्रोफेशनल राजनीतिक सलाहकार के तौर पर बीजेपी के चुनाव मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभाल चुके प्रशांत किशोर के पास मजबूत रिसर्च टीम है। उन्होंने यूपी और पंजाब के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ दिया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में वे कांग्रेस से अलग हो गए। फिर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का साथ दिया। टीएमसी को मिली चुनावी जीत के बाद उनका रुतबा और बढ़ गया था। कहा जाता है कि मुद्दों, चुनावी क्षेत्रों के गणित और पब्लिक के मूड को भांपने में वे माहिर हैं। फिलहाल वे किसी भी पार्टी के साथ नहीं है। बिहार में अपनी यात्रा निकाल रहे हैं।

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