NEW DELHI. डिजिटल क्रांति से ग्रामीण भारत सशक्त होगा। अब गांवों के लोग भी ऑनलाइन विशेषज्ञ डाक्टरों से चिकित्सीय परामर्श ले सकेंगे। वे ऑनलाइन कारोबार कर सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी ऑनलाइन भी ट्यूशन पढ़ सकेंगे। प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की घर बैठे ही इंटरनेट के जरिए तैयारी भी कर सकेंगे। इससे न सिर्फ उनका पैसा बल्कि समय भी बर्बाद होने से बच जाएगा। गांवों में ये सब ब्राडबैंड इंटरनेट कनेक्शन से संभव हो सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। भारत नेट कार्यक्रम के तहत 6.40 लाख से ज्यादा गांवों में ब्राडबैंड इंटरनेट पहुंचाने के लिए 1.39 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस योजना को केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार (4 अगस्त) को मंजूरी दी है।
1.94 लाख गांवों में ब्राडबैंड इंटरनेट की सुविधा पहुंची
वर्तमान स्थिति में 1.94 लाख गांवों में भारत नेट कार्यक्रम के तहत ब्राडबैंड इंटरनेट की सुविधा पहुंच चुकी है। बचे गांवों में दो-ढाई साल में यह सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। सूत्रों के मुताबिक, गांवों में ब्राडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट चार जिलों के गांवों को जोड़ने के लिए चलाया गया था। फिर इसका विस्तार 60,000 गांवों तक किया गया। इनमें लगभग सभी राज्यों के गांव शामिल किए गए थे। गांवों तक ब्राडबैंड सुविधा उपलब्ध होने के कारण ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर कारोबार तक में बड़े बदलाव होने की संभावना जताई गई है।
‘भारत नेट’ का बड़ी कंपनियों से मुकाबला
ब्राडबैंड कनेक्शन को लेकर ‘भारत नेट’ को जियो और एयरटेल जैसी बड़ी टेलीकाम कंपनियों से मुकाबला करना होगा। इसलिए गुणवत्ता और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है। आधुनिक केंद्रीकृत सेंटर तैयार हो रहा है, जहां से पूरे नेटवर्क की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। कहीं भी अगर इंटरनेट में फॉल्ट होता है तो उसका तुरंत पता लग जाएगा। इंटरनेट की स्पीड की ऐसी प्रणाली लगाई जा रही है, जिससे किसी एक जगह फाल्ट होने से इंटरनेट की सुविधा पर कोई फर्क नहीं पड़े। यह तकनीक अभी जियो जैसी कंपनियां इस्तेमाल कर रही हैं।
भारत नेट ने अब तक यह किया...
3.51 लाख ब्राडबैंड कनेक्शन तहत दिए जा चुके हैं।
1.30 लाख कनेक्शन औसतन हर महीने दिए जा रहे हैं।
399 रुपए से भारत नेट का ब्राडबैंड प्लान शुरू होता है।
175 जीबी डाटा औसतन प्रति घर खर्च हो रहा गांवों में ब्राडबैंड से।
230 जीबी डाटा डाटा औसतन प्रति घर खर्च हो रहा शहरों में।
क्या है योजना : गांव का उद्यमी हर घर पहुंचाएगा कनेक्शन
भारत नेट परियोजना चलाने वाली सरकारी एजेंसी ब्राडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNAL) गांव के ही उद्यमी से समझौता करेगी, जो गांव के हर घर तक ब्राडबैंड इंटरनेट कनेक्शन पहुंचाने का काम करेगा। इन उद्यमियों को बीएसएनएल की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी। घरों में इंटरनेट बॉक्स लगाने और रखरखाव की जिम्मेदारी भी उद्यमी की रहेगी।
ग्रामीण इलाकों में 2.50 लाख रोजगार निकलेंगे
ब्राडबैंड प्लान के तहत जो भी राजस्व प्राप्त होगा, उसका आधा हिस्सा ग्रामीण उद्यमी को दिया जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से ग्रामीण इलाके में 2.50 लाख रोजगार निकलेंगे।
देश में 37 लाख रूट किमी आप्टिकल फाइबर केबल बिछ चुकी
पायलट प्रोजेक्ट में लगभग 3,800 उद्यमी शामिल थे, जिन्होंने साढ़े तीन लाख से ऊपर ब्राडबैंड कनेक्शन ग्रामीणों को उपलब्ध कराए। देश में अभी 37 लाख रूट किलोमीटर आप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। इसमें से बीबीएनएल ने 7.70 लाख रूट किलोमीटर केबल बिछाई है।