NEW DELHI. कल यानी गुरुवार, 1 फरवरी 2024 को देश का अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश किया जाएगा। ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिर बजट होगा और इसलिए इसे अंतरिम बजट कहा जा रहा है, जबकि पूर्ण बजट इस साल होने वाले आम चुनावों के बाद नई सरकार के गठन के बाद पेश होगा। देश की पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण अपने कार्यकाल का ये छठा बजट पेश करेंगी। अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश होने से पहले 31 जनवरी को सरकार संसद में आर्थिक सर्वेक्षण (Economy Survey) पेश करती है। यह बेहद महत्वपूर्ण होता है और पेश किए जाने वाले बजट की तस्वीर पेश करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो ये बजट से पहले देश की वित्तीय सेहत के बारे में बताने वाला दस्तावेज होता है।
क्या होता है Economic Survey?
हर साल 1 फरवरी के दिन देश का बजट (Budget) पेश किया जाता है। इससे ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को सामने रखा जाता है। ये आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें इकोनॉमी की पूरी तस्वीर सामने आती है और इसे पिछले वित्तीय वर्ष की समीक्षा के आधार पर तैयार किया जाता है। इसके जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की ताजा हालत के बारे में बताती है। इसमें साल भर में डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई, किस सेक्टर में कौन सी योजनाएं किस तरह लागू हुईं।
आर्थिक सर्वेक्षण दो पार्ट में पेश किया जाता है
Economic Survey को बजट का मुख्य आधार माना जाता है, लेकिन, ऐसा जरूरी नहीं है कि इसकी सिफारिशों को सरकार लागू ही करे। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकारी नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। ये दो हिस्सों में पेश होता है, जिसके पहले हिस्सों में देश की इकोनॉमी की ताजा हालत के बारे में जानकारी साझा की जाती है। वहीं दूसरे हिस्से में विभिन्न सेक्टर्स के प्रमुख आंकड़े प्रदर्शित किए जाते हैं। आर्थिक मामलों के विभाग Chief Economic Advisor के मार्गदर्शन में ये दस्तावेज तैयार किया जाता है।
1950-51 में पेश हुआ था पहला आर्थिक सर्वे
Budget से ऐन पहले पेश किया जाने वाला इकोनॉमिक सर्वे बेहद खास माना जाता है। बता दें कि मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किए गए इस दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित दिया जाता है। गौरतलब है कि आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने का सिलसिला 1950 से जारी है। वित्त वर्ष 1950-51 में पहली बार देश का इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया था।
अंतरिम बजट को लेकर वित्त मंत्री के संकेत
मोदी सरकार के लिए ये अंतरिम बजट अहम है। भले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि इस मिनी बजट में कोई बड़े ऐलान नहीं किए जाएंगे, लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार का आखिरी बजट होने के चलते इस पर देश के लोगों की निगाहें और उम्मीदें टिकी हुई हैं। गौरतलब है कि इसी साल 2024 में आम चुनाव होने वाले हैं। इसलिए सरकार लोगों को कई रियायतें दे सकती है। नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।