BHOPAL. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल 3 अगस्त को भोपाल दौरे पर रहेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एशिया के सबसे बड़े उत्सव 'उन्मेष' में शामिल होने आ रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार सुबह 11:30 बजे भोपाल में रविंद्र भवन के हंसध्वनी सभागार में राष्ट्रीय उत्सव 'उत्कर्ष और उन्मेष' का शुभारंभ करेंगी। इस कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपस्थित रहेंगे।
3 से 5 अगस्त तक रविंद्र भवन में होंगे कार्यक्रम
3 से 5 अगस्त तक रविंद्र भवन में भारत की लोक एवं जनजातीय अभिव्यक्तियों का राष्ट्रीय उत्सव 'उत्कर्ष और उन्मेष' आयोजित किया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस उत्सव का शुभारंभ करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। इसके लिए रविंद्र भवन को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। शुभारंभ के दौरान एक ही मंच पर कई राज्यों की संस्कृति की झलक दिखेगी। देशभर से आए 500 कलाकार राष्ट्रपति के सामने नृत्य की प्रस्तुति देंगे। इस कार्यक्रम में 100 भाषाओं के 575 लेखक आ रहे हैं। इसके अलावा 13 देशों के लेखक भी शामिल होंगे। इस आयोजन में देशभर की 36 जनजातीय दल रंगारंग प्रस्तुतियां देंगे।
लोक एवं जनजातीय प्रदर्शन कलाओं की सतरंगी छटा बिखेरेंगे कलाकार
प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार अंतर्गत संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी द्वारा संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन के सहयोग से भारत की लोक एवं जनजाति अभिव्यक्तियों का राष्ट्रीय उत्सव "उत्कर्ष" एवं अभिव्यक्ति का उत्सव "उन्मेष" का आयोजन 3 से 5 अगस्त 2023 तक भोपाल में किया जाएगा। लोक कला, संगीत और साहित्य आधारित यह उत्सव पहली बार भोपाल में हो रहा है। यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। प्रमुख सचिव ने बताया कि उत्कर्ष उत्सव में देश के 36 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 800 कलाकार भाग लेंगे और लोक एवं जनजातीय प्रदर्शन कलाओं की सतरंगी छटा बिखेरेंगे। उत्सव का प्रसारण संगीत नाटक अकादमी के फेसबुक और यूट्यूब चैनल सहित संस्कृति विभाग के फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा>
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उत्कर्ष में शाम 5 बजे से होगी नृत्यों की प्रस्तुतियां
संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार की अध्यक्ष डॉ. संध्या पूरेचा ने बताया कि उत्कर्ष उत्सव के तीनों दिन शाम 5 बजे से रविंद्र भवन के सभागार में भारत के लोक नृत्य और जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी। उत्सव के पहले दिन गुरुवार को शाम 5 बजे से विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। लेह एवं लद्दाख का जबरो नृत्य, नागालैंड का सुमी वार नृत्य, गोवा का समय नृत्य, सिक्किम का सिंधी छम, मध्यप्रदेश का राई नृत्य, मेघालय का वांग्ला नृत्य, मध्य प्रदेश का बरेदी नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी नृत्य, असम का बीहू नृत्य, ओडिसा का सिंगारी नृत्य, झारखंड का पाईका नृत्य और आंध्र प्रदेश का टप्पेटा गुल्लू नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।