20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप लेंगे राष्ट्रपति पद की शपथ

नए साल में यानी 2025 में 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पद गोपनीयता की शपथ लेंगे। ट्रंप के शपथ लेने से पहले ईरान की अदालत में अमेरिकी सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया है।

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Sandeep Kumar
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नए साल यानी 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शपथ दिलवाई जाएगी। इस बीच ईरान ने अमेरिका को बड़ा झटका दिया है। ईरान की अदालत में अमेरिकी सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया है। ईरान की अदालत ने कहा कि इराक और सीरिया में अमेरिका समर्थित आतंकी समूहों से लड़ते हुए मारे गए ईरानियों के परिवारों को अमेरिका को मुआवजा देना होगा।

अमेरिका-ईरान में शुरू होगा आरोप प्रत्यारोप

इसके जवाब में अमेरिका में रहने वाले कई परिवारों ने ईरान, हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। दोनों ही मामलों में सुनवाई शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि अब दोनों देशों के बीच फिर से जवाबी वार-पलटवार शुरू होगा।

5 नवंबर को राष्ट्रपति का फैसला होगा

अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति का फैसला होगा। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris ) और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump ) के बीच कड़ा मुकाबला है। पोल में बहुत कम अंतर से जीत मिलने के बाद, दोनों उम्मीदवारों ने अपना ध्यान सन बेल्ट के राज्यों पर केंद्रित कर दिया है।  चुनाव से पहले के कई सर्वेक्षणों में दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। आयोवा सर्वे (Iowa survey ) में कमला हैरिस को बढ़त मिलती नजर आ रही है।  साथ ही कुछ सर्वे ऐसे भी हैं, जहां ट्रंप लीड बना रहे हैं।  

राष्ट्रीय सर्वे में कौन किससे आगे

NBC न्यूज की ओर से किए गए सर्वेक्षण में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बराबर 49-49 फीसदी वोट दिए गए हैं। एमर्सन कॉलेज की तरफ किए गए सर्वेक्षण में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 49-49 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है।

हैरिस और ट्रंप के बीच तीन फीसदी का फासला

इप्सोस की तरफ किए गए सर्वेक्षण में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 3 फीसदी का फासला है। जिसमें कमला हैरिस 49 फीसदी वोटों के साथ आगे हैं तो वहीं ट्रंप को 46 फीसदी वोट मिले हैं। हालांकि, एटलसइंटेल द्वारा किए गए सर्वे में  डोनाल्ड ट्रंप कमला हैरिस के मुकाबले 2 फीसद आगे है। इसमें दोनों का आंकड़ा क्रमांक 50 और 48 है।

स्विंग स्टेट्स से जुड़े सर्वेक्षण के आंकड़े

 राज्य (चुनावी वोट)  कमला हैरिस   डोनाल्ड ट्रंप

नेवादा (6)               46                   49

नॉर्थ कैरोलिना (16)   48                  46

विस्कॉन्सिन (10)      49                  47

जॉर्जिया (16)           48                  47

पेंसिल्वेनिया (19)      48                  48

मिशिगन (15)          47                  47

एरिजोना (11)          45                  49

ऐसे होते है अमेरिका में चुनाव

संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अक्सर तीन प्रकार के राज्यों द्वारा आकार लेते हैं। रेड स्टेट्स, ब्लू स्टेट्स और स्विंग स्टेट्स। रेड स्टेट्स वे हैं जहां रिपब्लिकन ने 1980 से लगातार जीत हासिल की है, जबकि ब्लू स्टेट्स वे हैं जहां 1992 से डेमोक्रेट्स का वर्चस्व रहा है। इन राज्यों को आम तौर पर उनके चुनावी परिणामों के संदर्भ में पूर्वानुमानित माना जाता है। हालांकि, स्विंग स्टेट्स पूरी तरह से एक अलग कहानी है। यहां, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच लड़ाई अक्सर बेहद करीबी होती है। जिसमें विजेता बहुत कम अंतर से विजयी होते हैं। 

ये हैं 7 स्विंग स्टेट...

जॉर्जिया

जॉर्जिया में 2020 में जो बाइडेन की जीत ने 1992 के बाद पहली बार इस राज्य में डेमोक्रेटिक को जीत दिलवाई थी। राज्य की बदलती जनसांख्यिकी, विशेष रूप से इसकी बढ़ती विविधता और 10 मिलियन से अधिक की बढ़ती आबादी से कमला हैरिस को लाभ होने की उम्मीद है। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस मिशिगन और विस्कॉन्सिन जैसे मुख्य रूप से गोरे लोगों वाले राज्यों में मजबूत प्रदर्शन कर रही हैं, जबकि अधिक विविध राज्य पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में हैं।

नेवादा

नेवादा से केवल छह चुनावी वोट होने के बावजूद यह राज्य राष्ट्रपति चुनाव जीतने की कुंजी बन सकता है। इसकी विविध आबादी, जिसमें 40% योग्य मतदाता लातीनी, अश्वेत या एशियाई अमेरिकी प्रशांत द्वीप वासी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन समूहों ने डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में कमला हैरिस के लिए अधिक मजबूत समर्थन दिखाया है। 

मिशिगन

मिशिगन से 15 इलेक्टोरल वोटों की गिनती होती है। यह राज्य पारंपरिक रूप से डेमोक्रेटिकों का गढ़ रहा है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की 2016 की जीत ने सबकुछ बदल दिया था। श्वेत श्रमिक वर्ग के मतदाताओं से उनकी अपील ने उनकी जीत सुनिश्चित कर दी थी जिससे हिलेरी क्लिंटन के अभियान को आश्चर्यजनक झटका लगा था।  2024 की बात की जाए तो  मिशिगन में विविधता के चलते इस बार कमला हैरिस को बढ़त मिल सकती है। 

पेंसिल्वेनिया

पेंसिल्वेनिया, जो एक समय एक विश्वसनीय डेमोक्रेटिक गढ़ था, अब एक कड़े मुकाबले वाला चुनावी युद्धक्षेत्र बन गया है। इसमें 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं और यह दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई वाला राज्य बन गया है।  कहा जाता है कि राज्य का परिवर्तन इसकी आर्थिक चुनौतियों में निहित है। 

एरिज़ोना

2020 के राष्ट्रपति चुनाव में एरिज़ोना में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। इसमें बाइडेन ने केवल 10,457 वोटों की से जीत हासिल की थी। अब, ट्रंप राज्य को फिर रिपब्लिकन बनाने के लिए बाइडेन-हैरिस प्रशासन की आव्रजन नीतियों (इमीग्रेशन नीति) के प्रति मतदाताओं के असंतोष पर भरोसा कर रहे हैं।

उत्तरी केरोलिना

उत्तरी कैरोलिना, जो कभी राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन का एक विश्वसनीय गढ़ था, अब अपनी तेजी से बदलती जनसांख्यिकी के कारण एक स्विंग राज्य बन गया है। इसके अलावा लैटिनो, एशियाई अमेरिकी और एक महत्वपूर्ण अश्वेत आबादी, जो लगभग 5 में से 1 मतदाता है।

विस्कॉन्सिन

ट्रंप मानते हैं कि विस्कॉन्सिन को जीता जा सकता है और उन्होंने राज्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने गर्मियों में वहां अपना राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया था। 

भारत पर क्या होगा असर ?

2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जब जो बाइडेन की जीत हुई थी, तब उन्हें सबसे पहले बधाई देने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) भी शामिल थे। बीते कुछ सालों में भारत और अमेरिका के रिश्ते स्थिर ही रहे हैं। भारत के लिहाज से ट्रंप का चुनाव जीतना ज्यादा फायदेमंद है। वो इसलिए क्योंकि बाइडेन की विदेश नीति की वजह से रूस, चीन के ज्यादा करीब जा रहा है। भारत ऐसा नहीं चाहता। ट्रंप सरकार बनने से रूस और अमेरिका के रिश्ते सुधर सकते हैं। इससे वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत होगी।

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