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मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया). ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में इस बार विश्व हिंदी दिवस और विवेकानंद जयंती के भव्य समारोहों में भारतीय भाषाओं और संस्कृति की छटा देखने लायक थी। मंच के कार्यक्रमों और दर्शकदीर्घा में भारत के सुंदर दर्शन हुए । इस अवसर पर भोपाल के साहित्यकार और हिंदी-सेवी पंकज पाठक के संपादन में भारत के सात कवियों के कविता संग्रह—समकालीन सप्तक का लोकार्पण भी किया गया ।अन्य छह कवि हैं चंडीगढ़ की डॉ. वंदना शुक्ला, डॉ. पीयूष अवस्थी, भोपाल के अजय बोकिल, डॉ. राजीव सक्सेना, डॉ. मंजु तिवारी और विवेक सावरीकर।
ऑस्ट्रेलिया के स्कूलों में पढ़ाई जा रहीं भारतीय भाषाएं
भारत सरकार के काउंसलेट जनरल कार्यालय में विश्व हिंदी दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए काउंसलेट जनरल डॉ. सुशील कुमार ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार की विशेष रुचि का परिणाम है कि स्कूलों में हिन्दी, पंजाबी और तेलुगु पढ़ाई जा रही है । डॉ. सुशील कुमार ने विवेकानंद जयंती के कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के मूल जनजातीय समाज का विशेष उल्लेख किया, जो मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं ।
बड़ी संख्या में युवा हुए शामिल
इस मौके पर वेदान्त सेंटर के प्रमुख स्वामी सुनिष्ठानन्द ने विवेकानंद के ‘सर्वे भवंतु सुखिना’ को परिभाषित करते हुए विश्व में इसकी आवश्यकता के संदर्भ में विस्तार से बताया । विक्टोरिया विधान परिषद के सदस्य जो मैक क्रैकन ने दर्शकों से पूछा कि यहां कितने युवा आए हैं ? दर्शकों की उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया से वे काफी प्रभावित हुए । विवेकानंद जयंती के कार्यक्रम का आयोजन विवेकानंद सोसाइटी ऑफ ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष योगेश भट्ट ने किया । इसमें शेफ अनुमंथरम सेंथिल कुमार को पहला यूथ ऑफ़ दी ईयर अवार्ड प्रदान किया गया ।
मेलबर्न की तीस से अधिक संस्थाओं ने दिया सहयोग
इस मौके पर विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए । हिंदी दिवस के कार्यक्रम को साहित्य संध्या के संस्थापक प्रो सुभाष शर्मा, पंकज पाठक, वेद व्यथित ने भी संबोधित किया । स्कूल के बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी । योगेश भट्ट के आयोजन को मेलबर्न की तीस से अधिक संस्थाओं ने सहयोग प्रदान किया । कार्यक्रम अल्टोना सिटी थियेटर में किया गया । इसमें भारी संख्या में भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने भाग लिया ।