जुर्म की दुनिया में एक कहावत है। वो ये कि हर जुर्म की आहट पहले ही सुनाई देती है। जरूरत है उस आहट को सुनने और जुर्म को रोकने की, लेकिन पुणे पोर्श एक्सीडेंट ( Pune porsche Accident ) के मामले में ना सिर्फ नाबालिग रईसज़ादे के घरवालों ने, बल्कि बार मालिकों से लेकर ट्रैफिक डिपार्टमेंट और दूसरी एजेंसियों तक ने ना सिर्फ उस आहट को अनसुना कर दिया, बल्कि खुद ही जुर्म की जमीन तैयार कर दी। इससे दो लोगों की जान चली गई।
आरोपी गटक गया 69 हजार रुपए की शराब
पुलिस के मुताबिक आरोपी पहले अपने दोस्तों के साथ कोजी पब में गया था। वहां जब रात 12 बजे के बाद ड्रिंक्स सर्व करना बंद कर दिया गया, तो दोस्तों के साथ ब्लाक मैरिएट पब के लिए रवाना हो गया और जाने से पहले उसने पब में 48 हजार रुपए का बिल दिया। फिर मैरिएट पब में भी 21 हजार की शराब गटक गया। पुणे के नाबालिक आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे 22 मई यानी बुधवार को सेशंस कोर्ट में पेश किया, जहां उसे दो दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
मोबाइल फोन रहस्यमय ढंग से गायब
अपने नाबालिग बेटे को कार की चाबी देने के जुर्म में बिल्डर विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। तफ्तीश में साफ हुआ है कि अपने खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद विशाल ने पुलिस को ना सिर्फ गुमराह करने की कोशिश की, बल्कि घर से भाग गया, लेकिन उसे संभाजी नगर के एक लॉज से पकड़ लिया गया। उधर, पुलिस ने विशाल अग्रवाल को दो दिनों की रिमांड पर तो ले लिया है, लेकिन अजीब बात ये है कि उनका मोबाइल फोन रहस्यमय ढंग गायब है।
पिता ने नाबालिग बेटे के हाथ में थमा दी कार
क्या आप यकीन करेंगे कि अपनी पोर्श कार से नौजवान लड़का-लड़की की जोड़ी को कुचल कर मारने वाले नाबालिग लड़के को उसके पिता ने उसके नाबालिग होने के बावजूद ना सिर्फ करीब 3 करोड़ के कार की चाबी थमा दी, बल्कि एक ही रात में मौज मस्ती के लिए इतने पैसे दिए कि करोड़ों हिंदुस्तानी जितने पैसे महीने भर की मेहनत के बाद भी नहीं कमा पाते। पुणे पुलिस की छानबीन में पता चला है कि एक्सिडेंट से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ना सिर्फ दो पबों में जाकर जम कर शराब पी, बल्कि एक पब में महज 90 मिनट तक ड्रिंक्स लेने के बाद उसने 48 हजार रुपए का बिल चुका डाला।
नाबालिग आरोपी को थाने में मिला वीआईपी ट्रीटमेंट
सबसे हैरानी की बात ये है कि हादसे के बाद नाबालिग आरोपी की हुई मेडिकल जांच की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। इसलिए सवाल ये जस का तस है कि उसने शराब पी थी या नहीं और पी थी तो कितनी पी थी? केस की मजबूती इस बात पर डिपेंड करती है। सवाल है इस देरी की वजह क्या है? अब तक की खबरों के मुताबिक नाबालिग आरोपी को थाने में वीआईपी ट्रीटमेंट देने की बात भी सामने आई है।
कार से दो इंजीनियरों को रौंदा था नाबालिग बेटे ने
बताते चलें कि हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की सुबह की है। पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 वर्षीय बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई। इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई। कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था. हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था।