सु्प्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के बीच अधिकारों को लेकर जब- तब टकराव की स्थिति आती रहती है। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है, जहां पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) के एक जज की टिप्पणी से विवाद की स्थिति बन गई है। जज ने एक फैसले की सुनवाई करते हुए ऐसा कुछ कह दिया कि विवाद खड़ा हो गया।
पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के ऊपर टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि - सुप्रीम कोर्ट खुद को ज्यादा सुप्रीम समझता है, वह हाईकोर्ट को संवैधानिक रूप से कम उच्च मानता है। अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट मे संज्ञान लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक फैसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संज्ञान लिया है। पांच जजों की बेंच आज इस मामले की सुनवाई करेगी। CJI डी वाई चंद्रचूड, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
दरअसल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 6 अगस्त को एक असामान्य आदेश में हाईकोर्ट की अवमानना कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की है। हाईकोर्ट का कहना है कि सु्प्रीम कोर्ट खुद को ज्यादा सुप्रीम समझता है। हाईकोर्ट के समक्ष लंबित कार्यवाही के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट को निर्देश जारी करने की कोई गुंजाइश नहीं है।
आज पांच जज करेंगे सुनवाई
भारत के चीफ जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़, संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और हृषिकेश रॉय इस मामले में आज सुनवाई करेंगे। यह एक अजीब केस है, क्योंकि यहां हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी की है।
वहीं जस्टिस सहरावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस बात को कई बार साफ किया है कि हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के अधीन नहीं है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बीच का संबंध वैसा नहीं है जैसा कि अपने अधिकार क्षेत्र में एक सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और हाई कोर्ट के बीच होता है।
जस्टिस सहरावत (Justice Sahrawat) की इन टिप्पणियों के बाद पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू ने हाइकोर्ट के रोस्टर में संशोधन करते हुए कोर्ट की अवमानना के सभी जस्टिस सहरावत से जस्टिस हरकेश मनुजा को ट्रांसफर कर दिया है। अब इस पर सुप्रीम कोर्ट आज 7 जुलाई को सुनवाई करेगा।
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