BHOPAL. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। अब तक वे 8 राज्यों (तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान), 42 जिले और 2800 किलोमीटर का पैदल सफर कर चुके हैं। राहुल को 3570 किलोमीटर का सफर तय करना है। उनकी यात्रा श्रीनगर में पूरी होगी। जब यात्रा शुरू हुई थी तो इसे लेकर तमाम आशंकाएं जताई गई थीं। अब राहुल के नाम आंकड़ों का एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव की चुनौती के लिए ठोस आधार का काम करेगा। अब तक के 100 दिनों में राहुल ने ना सिर्फ मौसम के अनुकूल खुद को ढाल कर अपनी चुस्ती-फुर्ती कायम रखी है, बल्कि सियासी हवा भी थोड़ी बहुत कांग्रेस के अनुकूल हुई है। राहुल लोगों को कनेक्ट करते दिख रहे हैं। इसी बीच हिमाचल चुनाव के नतीजे कांग्रेस को राहत पहुंचाने वाले हैं।
भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल की इमेज में खासा बदलाव किया
राहुल गांधी को सियासत में कदम रखे लंबा वक्त हो गया है, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा से पहले तक उन्हें एक गंभीर नेता के तौर पर नहीं देखा जा रहा था। हालांकि, राहुल गांधी कहते हैं कि बीजेपी ने मेरी इमेज खराब करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। मेरी मौजूदा छवि बीजेपी की बनाई हुई है। राहुल भारत जोड़ो यात्रा में मुकाम के आसपास पहुंचते दिख रहे हैं, जिसके लिए वे लंबे समय से संघर्ष करते नजर आ रहे थे। बीच-बीच में उनमें स्पार्क दिखा भी, लेकिन पहली बार है, जब राहुल गांधी खुद को राजनीति में सीरियस प्लेयर के तौर पर साबित करते दिखाई पड़ रहे हैं। यात्रा में राहुल बेरोजगारी, महंगाई, नफरत, विभाजन की राजनीति और राजनीतिक व्यवस्था के अति-केंद्रीकरण की बातें उठा रहे हैं।
राहुल के साथ एक्टर, एक्टिविस्ट, इकोनॉमिस्ट, साधु-संन्यासी तक जुड़ रहे
राहुल गांधी को बड़े पैमाने पर जनसमर्थन भी मिल रहा है। उनके साथ एक्टर, एक्टिविस्ट, प्लेयर, इकोनॉमिस्ट, साधु-संन्यासी तक जुड़ रहे हैं। कभी बॉक्सर विजेंद्र कुमार उनके साथ चले तो कभी स्वरा भास्कर उनके साथ दिखीं। हाल ही में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी राहुल के साथ कदमताल किया। यात्रा से ये मैसेज भी जा रहा है कि एक बड़ा तबका अब राहुल को स्वीकार कर रहा है। पूजा भट्ट, रिया सेन, रश्मि देसाई के अलावा अमोल पालेकर, सुशांत सिंह भी राहुल के साथ चले। मध्य प्रदेश में राहुल एक संन्यासी का हाथ थामकर चलते दिखे। वहीं, राहुल के साथ कंप्यूटर बाबा भी दिखे थे।
ड्रेसअप को लेकर कुछ विवाद भी हुए
यात्रा के पहले दिन से ही राहुल गांधी ने अपनी ड्रेस में टी शर्ट रखी। राहुल को पैदल चलना था, दौड़ना था, सैकड़ों लोगों से मिलना था, लिहाजा टी शर्ट उनकी सहज पसंद बनी। वे कन्याकुमारी से राहुल राजस्थान आ गए। मौसम ही नहीं, राहुल का चेहरा भी बदल गया। हालांकि उनका टी शर्ट पहनना जारी रहा। राहुल कन्याकुमारी में भी टीशर्ट पहने दिखे और अभी भी टी शर्ट में नजर आ रहे हैं। ठंड में भी वे स्वेटर या जैकेट पहने नहीं दिखे। लोग उनकी फिटनेस की बातें कर रहे हैं।
यात्रा की शुरुआत में ही राहुल गांधी की टीशर्ट पर विवाद हुआ। बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल बरबरी की टीशर्ट पहने हैं और इसकी कीमत 41,257 रुपए है। कांग्रेस ने इस पर जवाब दिया, घबरा गए क्या? भारत जोड़ो यात्रा में उमड़े जनसैलाब को देखकर. मुद्दे की बात करो, बेरोजगारी और महंगाई पर बोलो। बाकी कपड़ों पर चर्चा करनी है तो बात मोदी जी के 10 लाख के सूट और 1.5 लाख के चश्मे तक जाएगी। बताओ करनी है?
आराम करने के लिए बनाए गए कंटेनरों पर विवाद
राहुल गांधी और यात्रा में शामिल अन्य सदस्य कंटेनर में आराम करते हैं। सत्ता पक्ष का आरोप है कि राहुल के कंटेनर वीवीआईपी हैं। इस पर कांग्रेस ता जयराम रमेश ने कहा कि यात्रा में शामिल लोगों के रात्रि विश्राम के लिए तैयार किए गए कंटेनरों में बस मामूली सुविधाएं हैं, इसे बदनाम करने के लिए झूठ फैलाया जा रहा है। राहुल जिस कंटेनर में रहते हैं उसमें एक बिस्तर है। दो बिस्तरों वाले कंटेनर रेलवे के स्लीपर क्लास के कोच के जैसे हैं। बीजेपी के प्रवक्ताओं को आकर ये कंटेनर देखना चाहिए।