श्रीनगर में बर्फबारी के बीच राहुल बोले- मैंने हिंसा देखी है, इसे सहा है, मोदी-शाह इसे नहीं समझेंगे, गांधी ने सिखाया बिना डरे जीना

author-image
Atul Tiwari
एडिट
New Update
श्रीनगर में बर्फबारी के बीच राहुल बोले- मैंने हिंसा देखी है, इसे सहा है, मोदी-शाह इसे नहीं समझेंगे, गांधी ने सिखाया बिना डरे जीना

SRINAGAR. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का सोमवार को समापन हो गया। इस दौरान कांग्रेस ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में जनसभा बुलाई। इस दौरान बर्फबारी के बीच राहुल गांधी ने कहा, मैंने गांधी जी से सीखा है कि जीना है, तो डरे बिना जीना है। मैं चार दिन तक यहां ऐसे पैदल चला। मैंने बस यही सोचा कि बदल दो मेरी टीशर्ट का रंग, लाल कर दो। लेकिन जो मैंने सोचा था, वही हुआ। जम्मू कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं, मुझे प्यार दिया। दिल खोलकर प्यार दिया, मुझे अपना माना। प्यार से आंसुओं से मेरा स्वागत किया। 4 दिन मैंने जैसे पैदल कश्मीर की यात्रा की, बीजेपी का कोई नेता ऐसे यात्रा नहीं कर सकता। ऐसा इसलिए नहीं, क्योंकि जम्मू कश्मीर के लोग उन्हें चलने नहीं देंगे, बल्कि ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी के लोग डरते हैं।



भारत जोड़ो यात्रा में राहुल की स्पीच की 5 अहम बातें




  1. मेरे परिवार ने, गांधीजी ने मुझे सिखाया कि बिना डरे कैसे जीना है। अगर हम ऐसा (बिना डरे जीना) नहीं कर पा रहे तो फिर हम जी नहीं रहे। जो लोग हिंसा करवाते हैं, वे उस दर्द को नहीं समझते। मैं इस दर्द को समझता हूं। मैंने कई बार इस दर्द को समझा, महसूस किया है। मैंने हिंसा सही है, देखी है। पुलवामा हमले में जो शहीद हुए, उनके घरवालों पर क्या बीता, ये बात प्रधानमंत्री मोदी जी, अमित शाह नहीं समझ सकते। मैं समझ सकता हूं। जब मैं अमेरिका में था, तब उन्हें एक फोन कॉल आया और बताया गया कि उनके पिता की हत्या कर दी गई। मैं चाहता हूं कि ऐसे फोन कॉल किसी जवान के घर पर जाने बंद हो जाएं। 


  • ये लोग जो मुझपर हमला करते हैं, उनसे मैं सीखता हूं। उन्हें मैं धन्यवाद देता हूं। मुझे इनकी बातों का बुरा नहीं लगता। हमें देश को बांटने वाली विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है। नफरत से नहीं, बल्कि प्यार से खड़े होना है। हम उस विचारधारा को सिर्फ हराएंगे नहीं, बल्कि उनके सीने से भी नफरत भरी विचारधारा को निकाल देंगे। 

  • रोज 8-10 किलोमीटर दौड़ता हूं। ऐसे में उन्हें लगा था कि कन्याकुमारी से कश्मीर चलने में इतनी मुश्किल नहीं होगी। यात्रा आसान रहेगी। मुझमें थोड़ा सा अहंकार आ गया था। मेरे बचपन में फुटबॉल के दौरान घुटने में चोट लगी थी। कन्याकुमारी से यात्रा शुरू हुई तो घुटने में दर्द होने लगा, लेकिन बाद में कश्मीर आते आते ये दर्द खत्म हो गया। 

  • मैं सरकारी घरों में रहा, मेरे पास कभी घर नहीं था। घर मेरे लिए एक स्ट्रक्चर नहीं है, जीने का तरीका है। जिस चीज को आप कश्मीरियत कहते हैं, उसे मैं घर मानता हूं। ये कश्मीरियत है क्या? ये शिव जी की सोच है, और गहराई में जाएंगे तो इसे शून्यता कहा जा सकता है। अपने आप पर, अपने अहंकार पर, अपने विचारों पर आक्रमण करना। दूसरी तरफ इस्लाम में फना कहा जाता है। सोच वही है. इस्लाम में फना का मतलब अपने ऊपर आक्रमण, अपनी सोच पर आक्रमण।

  • मैं यात्रा में चल रहा था, 4 बच्चे आए। वो भीख मांगते थे, उनके पास कपड़े नहीं थे। मजदूरी करते थे तो मिट्टी थी। मैं उनके गले लगा, घुटनों पर जाकर पकड़ा। मेरे साथ चल रहे एक व्यक्ति ने बोला कि ये बच्चे गंदे हैं, इनके पास नहीं जाना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि बच्चे आपसे और मुझसे ज्यादा साफ हैं।



  • उमा ने ट्विटर पर ये लिखा




    — Uma Bharti (@umasribharti) January 30, 2023



    यात्रा को किनका मिला समर्थन?



    राहुल गांधी की यात्रा 145 दिन में 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरी। राहुल ने करीब 4080 किमी का सफर तय किया। कुछ पार्टियों को छोड़ दें, तो अभी तक ज्यादातर पार्टियां दूर ही रही हैं. तमिलनाडु में राहुल की यात्रा को सहयोगी डीएमके के नेता स्टालिन का समर्थन मिला था। स्टालिन यात्रा में शामिल हुए थे। महाराष्ट्र की शिवसेना और एनसीपी भी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुई थी। हालांकि, राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश और बिहार में विपक्षी पार्टियों के नेताओं का साथ नहीं मिला. हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन किया, लेकिन वे सीधे तौर पर शामिल नहीं हुए। जम्मू कश्मीर में पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक और उमर अब्दुल्ला शामिल हुए थे। 



    क्या विपक्ष को एकजुट कर पाएगी भारत जोड़ो यात्रा?



    राहुल गांधी लगातर कह रहे हैं कि यह यात्रा देश को एकजुट करने के लिए है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे यात्रा के आखिरी दिन कितनी पार्टियों के नेताओं को कांग्रेस के मंच पर लाने तक कामयाब होंगे। कांग्रेस की ओर से नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक और उमर अब्दुल्ला, आरजेडी से तेजस्वी और लालू यादव को न्योता दिया गया है। कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, शिवसेना, टीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस को बुलाया है। साथ ही कांग्रेस ने सपा, बसपा, डीएमके, सीपीआई, सीपीएम, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, पीडीपी, राकांपा, एमडीएमके, विदुथलाई चिरुथिगाल काची पार्टी (vCK), IUML, KSM, RSP को भी न्योता भेजा है। 



    राहुल ने लाल चौक पर फहराया तिरंगा



    राहुल गांधी 29 जनवरी को श्रीनगर पहुंच गए थे। यहां के लाल चौक पर तिरंगा फहराया। राहुल ने कहा कि भारत से किया गया वादा पूरा हो गया है। यात्रा मेरे जीवन का सबसे गहरा और सुंदर अनुभव है। मैं लाखों लोगों से मिला, उनसे बात की, मेरे पास ये सब बताने के लिए शब्द नहीं है। इस यात्रा का उद्देश्य देश को एक करना था। यह यात्रा देशभर में फैली हिंसा और नफरत के खिलाफ थी। हमें इसके प्रति लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली। हमें भारत के लोगों का लचीलापन, उनकी ताकत, प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिली। राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान 12 जनसभाएं, 100 से ज्यादा बैठकें, 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरी।



    वीडियो देखें -




    भारत जोड़ो यात्रा Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा Bharat Jodo Yatra Controversy Rahul Speeches in Bharat Jodo Yatra Bharat Jodo Yatra News भारत जोड़ो यात्रा विवाद भारत जोड़ो यात्रा में राहुल के भाषण