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New Delhi. आज के दिन देश की सबसे बड़ी खबर यही है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा में अपनी सदस्यता खो चुके हैं। सूरत की एक अदालत ने साल 2019 के एक मानहानि के मामले में उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद आज लोकसभा की सदस्यता से उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया। राहुल केरल की वायनाड सीट से 2019 में निर्वाचित हुए थे। लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी हो जाएगा।
दरअसल जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) के मुताबिक किसी सांसद या विधायक को आपराधिक मामले में 2 वर्ष या उससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदन की सदस्यता समाप्त हो जाएगी। देश में इस कानून के तहत सबसे पहली कार्रवाई सहारनपुर निवासी दिग्गज नेता रशीद मसूद पर की गई थी। बता दें कि इस कानून के तहत कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीजेपी समेत अनेक पार्टियों के नेता अपनी सदन की सदस्यता गवां चुके हैं।
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एनसीपी के सांसद, मोहम्मद फैजल
हत्या के प्रयास के एक मामले में जनवरी 2023 को एनसीपी के लक्ष्यद्वीप से सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि केरल हाईकोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था। बकौल फैजल लोकसभा सचिवालय ने अभी तक उनकी अयोग्यता वाली अधिसूचना जारी नहीं की है।
समाजवादी पार्टी के आजम खान
अक्टूबर 2022 को रामपुर की एक अदालत ने आजम खान को अभद्र भाषा के इस्तेमाल के मामले में दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी। एक दिन बाद ही उत्तरप्रदेश विधानसभा सचिवालय ने सदन से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था।
राजद के लालू यादव
रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद यादव को साल 2013 में चारा घोटाले में दोषी ठहराया था। इसके बाद लालू प्रसाद की अयोग्यता संबंधी घोषणा 2 अक्टूबर को जारी कर दी गई थी।
एआईडीएमके की जे जयललिता
अन्नाद्रमुक की प्रमुख दिवंगत जे जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 साल की जेल हुई थी। जिसके बाद साल 2014 में उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इनके अलावा बीजेपी विधायक विक्रम सैनी, मुजफ्फरनगर, राजद विधायक अनिल कुमार साहनी, कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी, बीजेपी के विधायक कुलदीप सेंगर, समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम खान, राजद के विधायक अनंत सिंह भी इस कानून के चलते अपनी सदन की सदस्यता गवां चुके हैं।