कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गरीब परिवारों को लखपति बनाने का वादा किया है। हर साल गरीब परिवारों को एक लाख देने की बात कही है। उन्होंने कहा करोड़ों परिवार हैं, जो गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं। इसमें आदिवासी, दलित, पिछड़े ज्यादा है। हर गरीब परिवार में से एक महिला का नाम चुनेंगे। उस महिला के बैंक अकाउंट में एक लाख रुपए साल के डाल देंगे ( Congress manifesto )। राहुल का ये वादा कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी शामिल है। जब राहुल के इस वादे का विश्लेषण किया गया तो आंकड़े बेहद चौंकाने वाले सामने आए।
आखिर इतना पैसा आएगा कहां से?
दरअसल सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह देश के गरीब परिवारों को सालाना 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का वादा कर रहे हैं। राहुल के इस वादे का जब खर्च निकाला तो हर कोई हैरान रह गया। हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल उठ कि आखिर इस वादे को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा, जबकि इसकी कुल लागत देश के मौजूदा बजट से भी ज्यादा है।
40 लाख करोड़ आएगा कुल खर्चा
कांग्रेस महालक्ष्मी योजना ( Mahalakshmi Scheme ) के तहत गरीब परिवार की एक महिला को सालाना 1 लाख रुपए देगी। ऐसे में सवाल उठता है कि देश में आखिर कितने गरीब परिवार हैं, जिन्हें राहुल गांधी 1 लाख रुपए सालाना की सहायता दी जाएगी। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में 24.82 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले। इस तरह, गरीबी में रह रहे लोगों का अनुपात 2013-14 के 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 11.28 प्रतिशत रह गया। इसी आंकड़े के मुताबिक देश की मौजूदा जनसंख्या 1.44 अरब है। इस हिसाब से 16.24 करोड़ लोग अभी गरीबी में अपना जीवन जी रहे हैं। अगर एक परिवार में औसतन 4 सदस्य हैं, तो कुल 4 करोड़ परिवार गरीबी रेखा में जीवन बिता रहे हैं।
11 फीसदी लोगों को मिलेगा लाभ
अभी गरीब परिवार आंकड़ा 4 करोड़ के आस- पास है। राहुल के वादे के मुताबिक गरीबों को एक लाख देने से हर साल का कुल खर्चा आएगा 40 लाख करोड़ रुपए आएगा। इसका फायदा देश के महज 11 फीसदी लोगों को मिलेगा।
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