राहुल को मानहानि मामले में सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई, तुरंत बेल भी मिली; 2019 में बोले थे- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों?

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Atul Tiwari
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राहुल को मानहानि मामले में सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई, तुरंत बेल भी मिली; 2019 में बोले थे- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों?

SURAT. गुजरात की सूरत सेशंस कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को मानहानि मामने में दोषी करार दिया। साथ ही कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा भी सुनाई है। राहुल गांधी कोर्ट की कार्यवाही के दौरान मौजूद थे। हालांकि, राहुल को तुरंत जमानत भी मिल गई। चुनावी रेली के दौरान मोदी सरनेम को लेकर बीजेपी के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल पर मानहानि का दावा किया था। पूर्णेश, भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। वे दिसंबर में सूरत से दोबारा विधायक चुने गए हैं। 



राहुल गांधी इससे पहले तीन बार सूरत की कोर्ट में पेश हो चुके हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने कोर्ट के अंदर अपने बयान में कहा था कि वो खुद पर लगे आरोप से इनकार करते हैं। राहुल ने कहा था कि उन्होंने चुनावी रैली में ऐसा कहा था, ये उन्हें याद नहीं है। 



कोर्ट ने 30 दिन की राहत दी



सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 30 दिन की राहत दी है यानी कोर्ट ने एक महीने तक राहुल की सजा पर रोक लगाई है। अब राहुल सेशंस कोर्ट के फैसले के खिलाफ बड़ी अदालत में अपील करेंगे।



कोर्ट में राहुल बोले- मेरा इरादा गलत नहीं था, याचिकाकर्ता विधायक बोले- फैसले का स्वागत करते हैं



राहुल गांधी ने कोर्ट में जज से कहा- मेरा इरादा गलत नहीं था। मैंने जो कहा, वो राजनेता के तौर पर कहा। मैं हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा हूं। राहुल गांधी के वकील ने बताया कि उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई। उन्हें 30 दिन की जमानत मिल गई है। वे इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जा सकते हैं। वहीं, सजा सुनाए जाने से पहले राहुल के वकील ने जज से अपील की कि उनके बयान से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए, जबकि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इस मामले में राहुल गांधी को अधिकतम सजा और जुर्माने की मांग की।



कोर्ट के बाहर याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने बताया कि हमने राहुल के बयान पर याचिका दाखिल की थी, आज फैसला आया। इसका हम स्वागत करते हैं। ये सामाजिक आंदोलन था। किसी समाज के खिलाफ ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए। 



राहुल की सजा पर किसने क्या कहा?




  • प्रियंका गांधी वाड्रा- डरी हुई सत्ता की मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई ना कभी डरे हैं, ना कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिए हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों लोगों का प्यार उनके साथ है।


  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे- उन्हें जमानत मिल गई है। हम शुरू से ही जानते थे क्योंकि वे जज बदलते रहे। हम कानून, न्यायपालिका में विश्वास करते हैं और हम कानून के अनुसार इसके खिलाफ लड़ेंगे।'

  • केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू- मैं कुछ भी कहने से पहले ऑर्डर की कॉपी देखूंगा। राहुल गांधी जो कुछ भी बोलते हैं वह हमेशा कांग्रेस पार्टी और पूरे देश पर गलत असर डालता है। कांग्रेस के कुछ सांसदों ने मुझसे कहा है कि राहुल के रवैए से कांग्रेस को ही नुकसान हो रहा है।

  • राजनाथ सिंह- शब्दों की मर्यादा हमेशा बनी रहनी चाहिए। इस फैसले से​​​ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सबक लेना चाहिए।

  • अरविंद केजरीवाल- गैर BJP नेताओं और पार्टियों पर मुकदमे करके उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं, लेकिन राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि केस में फंसाना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं, पर इस निर्णय से असहमत हैं।

  • छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में कहा- मीडिया को भी दबाने की कोशिश की जा रही है। न्यायपालिका को प्रभावित कर रहे हैं और राजनीतिक दल के लोगों पर इस स्तर पर जाकर वे कार्रवाई कर रहे हैं।



  • 2019 में चुनावी सभा में राहुल गांधी ने दिया था बयान



    राहुल गांधी ने कर्नाटक में 13 अप्रैल 2019 की चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल गांधी के साथ-साथ कोर्ट ने दो और गवाह कर्नाटक के कोलार के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी और भाषण रिकॉर्ड करने वाले निर्वाचन आयोग के वीडियो रिकॉर्डर के बयान दर्ज किए थे, जिसके बाद राहुल से भी कुछ पूछताछ की गई थी।   



    पहले की सुनवाई के दौरान क्या हुआ?



    राहुल इस मामले में पिछले बार 2021 में  सूरत कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने अपना बयान भी दर्ज कराया था। राहुल गांधी के वकील किरीट पनवाला के मुताबिक, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने पिछले हफ्ते दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी। पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी के वकील ने कोर्ट में बताया था कि गांधी के कोलार भाषण वाली सीडी और पैन ड्राइव से साबित होता है कि कांग्रेस सांसद ने वास्तव में मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी और उनके बयानों ने समुदाय को अपमानित किया। 



    वहीं, राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि यह पूरी कार्यवाही ही त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 202 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। इस मामले में शिकायतकर्ता पीएम नरेंद्र मोदी को होना चाहिए था, ना कि विधायक पूर्णेश मोदी को, क्योंकि गांधी के भाषण में मुख्य लक्ष्य पीएम मोदी थे। 



    वीडियो देखें- 




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