नेहरू म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने पर कांग्रेस में दिखा आक्रोश, राहुल गांधी बोले- नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, नाम नहीं!

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The Sootr CG
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नेहरू म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने पर कांग्रेस में दिखा आक्रोश, राहुल गांधी बोले- नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, नाम नहीं!

New Delhi. नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान सामने आया है। राहुल ने जवाहर लाल नेहरू के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोला है। राहुल ने कहा कि नेहरू जी अपने काम के लिए जाने जाते हैं, ना कि सिर्फ उनका नाम था। गुरुवार (17 अगस्त) को राहुल गांधी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर कहा, 'उनकी पहचान उनके कर्म हैं, नाम नहीं।' राहुल गांधी लेह-लद्दाख के दो दिन के दौरे पर हैं। यहां वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे। 





केंद्र सरकार के कदम का कांग्रेस कर रही विरोध





केन्द्र सरकार ने 15 अगस्त को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (एनएमएमएल) का नाम बदल कर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (पीएमएमएस) कर दिया। यह फैसला जून 2023 में लिया गया था। केंद्र सरकार के इस फैसले का कांग्रेस देशभर में विरोध कर रही है। कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, पंडित नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी। उन्होंने आईआईएम, एम्स, आईआईटी, इसरो जैसे संस्थान बनाए हैं। उन्होंने इस देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतिहास में बहुत निगेटिव रूप में याद किया जाएगा।





लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर हैं राहुल





कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार (17 अगस्त) से दो दिनों के लिए लेह-लद्दाख के दौरे पर हैं। राहुल लद्दाख प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों से बैठक कर आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कांग्रेस को मजबूत बनाने की रणनीति बनाएंगे। 





जयराम रमेश बोले- मोदी नेहरू के महान योगदान को कभी नहीं छीन सकते





नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलने को लेकर बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का आधिकारिक नाम बदलने को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के स्वतंत्रता संग्राम में जवाहरलाल नेहरू के महान योगदान को कभी नहीं छीन सकते। 





7 बातें...जो बताएंगी नाम बदलने की वजह







  • पहले केवल नेहरू म्यूजियम था, लेकिन कुछ वक्त पहले जब ये तय हुआ कि यहां सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में लोगों को बताया जाए। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसा म्यूजियम होना चाहिए, जहां देश के सभी प्रधानमंत्रियो के बारे में पता चल सके। नेहरू म्यूजियम में 28 एकड़ जमीन थी, जिसमें से कुछ जगह का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री म्यूजियम बनाया गया। 



  • नेहरू म्यूजियम लाइब्रेरी का कार्यभार अब पहले से ज्यादा बढ़ गया है, पहले यह सिर्फ नेहरू म्यूजियम और लाइब्रेरी था, लेकिन अब यहां पर प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी है। इसलिए जैसे ही दायित्व बड़ा, वैसे ही नाम बदलने पर भी विचार होने लगा।


  • नेहरू मेमोरियल की एग्जीक्यूटिव कमिटी की जनरल बॉडी ने 15 जून को बैठक की, जिसमें ये तय किया गया कि इसका नाम बदलना चाहिए। दूसरी मीटिंग 18 जुलाई को हुई, जिसमें नाम बदलने पर मुहर लगी। 


  • नाम बदलने पर किसी भी तरह की राजनीति न हो इसलिए नेहरू म्यूजियम के नाम पर लंबा मंथन किया गया। क्यूंकि अब इसमें सभी प्रधानमंत्री शामिल हैं तो इसलिए एक ऐसा नाम चुना गया, जिसमें सभी प्रधानमंत्रियों की भागीदारी भी हो और किसी को भी आपत्ति नहीं हो। इसलिए इसका नाम प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी तय किया गया। 


  • देश में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस भी नए नाम को लेकर विरोध कर रही है। ऐसे में इस पर विचार करना चाहिए कि अगर इसका नाम आज भी नेहरू म्यूजियम ही रहेगा तो यह कैसे पता चल सकेगा कि इस म्यूजियम में देश के सभी प्रधानमंत्रियों की जानकारी दी गई है। हम लोकतंत्र की बात करते हैं तो हमें जो विवधता देश में है कि कितने प्रधानमंत्री जो अलग-अलग राज्यों से हैं और अलग अलग भाषा बोलते हैं, तो क्या हम बाकी जो 14 प्रधानमंत्री हैं उनके नाम को मान्यता ना दें? क्या यह उनके साथ गलत नहीं होगा। इसमें राजनीति क्यों करना। नेहरू म्यूजियम आज भी ठीक वैसा ही है जैसा पहले था, उसमें 17 साल के कार्यकाल का पूरा ब्योरा दिया गया है। 


  • म्यूजियम को आधुनिक बनाने के लिए भी मंथन किया गया। बच्चों के मन में म्यूजियम के बारे में जो सोच है उसको बदलने के लिए अद्भुत म्यूजियम तैयार किया गया है। जहां बच्चे आकर छोटी-छोटी एक्टिविटीज का हिस्सा बन सकें और वह अपने इतिहास को समझ सकें। 


  • बहुत लोग जो कह रहे हैं कि नेहरू के नाम को मिटा दिया गया, यह बिल्कुल ठीक नहीं है क्योंकि आप म्यूजियम आकर देखिए तो आज भी नेहरू जी के लिए एक म्यूजियम पूरा अलग बना हुआ है, लेकिन इस म्यूजियम के पीछे एक दूसरा प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया है, जहां बाकी के प्रधानमंत्री के बारे में जानकारी दी गई है। इसलिए यह कहना कि नेहरूजी का इतिहास मिटाया जा रहा है यह बिल्कुल गलत है।




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