JAIPUR. राजस्थान सरकार ने प्रतिभावान बच्चों को विदेश में पढ़ाने के लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत विदेश में अब 30% बच्चे सरकारी अफसरों के पढ़ रहे हैं। असल में सरकार ने इस साल सालाना आय का दायरा 8 लाख रु. से बढ़ाकर 25 लाख या इससे ज्यादा कर दिया। इसके बाद कुल 245 स्टूडेंट्स का चयन हुआ, जिनमें से 14 आईएएस, आईपीएस समेत 73 अफसरों के बच्चे हैं।
सरकार ने प्रदेश के स्टूडेंट्स को ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज, हार्वर्ड जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने के लिए 2 साल पहले यह योजना शुरू की थी। पहले वही छात्र अप्लाई कर सकते थे, जिनका चुनिंदा विदेशी संस्थान में प्रवेश हो चुका हो और पारिवारिक आय सालाना 8 लाख रु. से कम हो। इसमें उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के पीए विशाल राणावत के बेटे का भी सिलेक्शन हुआ है। इनके अलावा आरयूएचएस के सुपरिटेंडेंट डॉ. अजीत सिंह शक्तावत समेत अन्य के बच्चे शामिल हैं।
इन अफसरों के बच्चों का सिलेक्शन हुआ
- आईपीएस मनीष त्रिपाठी
15 केंद्रीय अफसरों के बच्चों का भी इस योजना में स्कॉलरशिप के लिए चयन हुआ।इनमें रिटायर्ड आईआरएस, डीआईजी, एडीजी, एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन जैसे अफसर भी शामिल हैं।
मंत्री और विधायक के अपने-अपने तर्क
राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव का कहना है कि बच्चों का सिलेक्शन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होता है। मानदंड है कि पहले उन्हें देंगे, जो कमजोर हैं। वहीं, बीजेपी विधायक नरपत सिंह राजवी का कहना है कि सरकारी योजनाओं का फायदा जरूरतमंद बच्चों को पहले मिलना चाहिए। 70 से ज्यादा अफसरों के बच्चों का विदेश में पढ़ाई के लिए सिलेक्शन होना जांच का विषय है। मैंने विधानसभा में मामला उठाया है।
जिनके बच्चे पढ़ने गए, वे उन्होंने स्कीम को अच्छा बताया
आरयूएचएस के सुपरिंटेंडेंट डॉ. अजीत सिंह कहते हैं- सरकार की इस योजना में तीन कैटेगरी हैं। ए- 8 लाख तक की आय वाले, जिसमें सारे खर्च सरकार देती है। बी- 8 से 25 लाख की आय वाले। इसमें ट्यूशन फीस के अलावा 50% दूसरे खर्चे सरकार देती है। सी- 25 लाख से ज्यादा आय वाले। इसमें सरकार सिर्फ ट्यूशन फीस के 50 लाख रु. तक देती है। दूसरे खर्च खुद वहन करने पड़ते हैं। हम सी कैटेगरी में है। मेरी बेटी शिकागो से मास्टर इन पब्लिक पॉलिसी की पढ़ाई कर रही है। अच्छी स्कीम है।
आरएएस विनोद पुरोहित बोले- अच्छी स्कीम है। मेरा बेटा अटलांटा से ग्रेजुएशन कर रहा है। उसका सेकंड ईयर है। रिटायर्ड आईएएस पीके गोयल ने कहा- मैं सरकारी आदमी हूं, कुछ नहीं कहना। वहीं, आईपीएस मनीष त्रिपाठी बोले- समस्या क्या है। आरएएस लक्ष्मीकांत कटारा बोले- योजना बहुत अच्छी है। सरकार बच्चों को काबिलियत दिखाने का मौका दे रही है।