जयपुर। प्रदेश में बनी 4 स्मार्ट सिटी कंपनियों में केंद्रीय मंत्रालय की बिना अनुमति स्वतंत्र निदेशक नियुक्ति के मामले में गहलोत सरकार को बड़ा झटका लगा है।
सरकार को झटका
15 जुलाई को राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए जयपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर स्मार्ट सिटी में 7 नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किए थे। इन नियुक्तियों पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने रोक दी है। केंद्र सरकार से इस मामले की शिकायत भी गई थी। जिसमें बताया गया था कि जिन लोगों की नियुक्ति स्मार्ट सिटी में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर की गई है, उनका शहरी विकास से जुड़े मामले में कोई खास अनुभव नहीं है। मंत्रालय की ओर से जो आदेश जारी किए गए हैं, उसमें मंत्रालय ने अनुमति नहीं लेने का हवाला दिया है।
राजनीति संबंध बने नियुक्तियों का आधार
स्वायत्त शासन निदेशालय राजस्थान के सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए जयपुर स्मार्ट सिटी और कोटा स्मार्ट सिटी में 22 चेयरमैन की नियुक्ति की थी। इस आदेश में कंपनी ने एक्ट 2013 का हवाला देते हुए चारों शहरों में बनी स्मार्ट सिटी में 7 स्वतंत्र निदेशकों की भी नियुक्ति की थी। इसमें स्मार्ट सिटी जयपुर में जय आकड़, डॉ. पूनम शर्मा, स्मार्ट सिटी कोटा में रविन्द्र त्यागी, रजनी गुप्ता, स्मार्ट सिटी उदयपुर में सज्जन कटारा और स्मार्ट सिटी अजमेर में डॉ. गोपाल बाहेती और राजकुमार जयपाल को नियुक्त किया था। साथ ही बताया जा रहा है कि ये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर की गई थी। इन नियुक्ति में सज्जन कटारा और डॉ. गोपाल बाहेती पूर्व विधायक भी रह चुके हैं। कोटा में नियुक्त हुई रजनी गुप्ता राज्य बिजली निगम में सीएमडी रहे एके गुप्ता की पत्नी हैं।