नीच-भिखारी जैसे शब्दों पर राजस्थान HC की टिप्पणी, मायावती का विरोध

Rajasthan HC ने जातिसूचक शब्द (Caste word ) कहने वाले आरोपियों के ऊपर से एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act ) के तहत कार्रवाई करने वाले कानून पर सवाल खड़े किए है। कोर्ट के सवाल पर BSP के प्रमुख मायावती ने ट्वीट करके निशाना साधा है...

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Sandeep Kumar
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Rajasthan HC
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बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती (Supremo Mayawati ) ने एससी-एसटी एक्ट हटाने के फैसले को लेकर जमकर निशाना साधा है।  मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों को घेरते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि दलित और आदिवासियों के साथ होने वाले अत्याचारों को लेकर यह दोनों सरकारें कभी गंभीर नहीं रहीं हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार (Bhajanlal Sharma Government) से Supreme Court में अपील दायर करने की मांग की है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल Caste word कहने वाले आरोपियों के ऊपर से एससी-एसटी एक्ट  के तहत कार्रवाई की गई थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए Rajasthan High Court ने कहा है कि भंगी, नीच और भिखारी जैसे शब्द जातिसूचक शब्द नहीं है। इसलिए जिन लोगों पर SC-ST Act के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन लोगों के ऊपर से ये एक्ट हटाए जाए । इस पूरे मामले में पर यूपी की पूर्व सीएम और BSP की प्रमुख मायावती ने टिप्पणी की है।

मायावती ने सरकार से की ये मांग

दरअसल, BSP की अध्यक्ष मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा भंगी, नीच, भिखारी, मंगनी आदि शब्द कहने वाले आरोपियों के ऊपर लगे SC-ST Act की धारा को हटाने के हाल के फैसले से जातिवादी और असमाजिक तत्वों के हौंसले बढ़ सकते हैं। जिसे राज्य सरकार को गंभीरता से लेते हुए आगे अपील में जाना चाहिए।

HC ने दिया था ये फैसला

राजस्थान हाईकोर्ट ने भंगी, नीच, भिखारी, मांगनी जैसे शब्द कहने मात्र को जातिसूचक शब्द कहकर नीचा दिखाने का अपराध नहीं माना हैं। साथ ही, ऐसे शब्दों से संबोधित करने के आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून के अंतर्गत लगाए गए आरोप हटाकर याचिकाकर्ताओं को आंशिक राहत दी। न्यायाधीश बीरेन्द्र कुमार ने अचल सिंह व अन्य की अपील पर यह आदेश दिया है। 

खबर से संबंधित 5 FAQ

राजस्थान हाईकोर्ट का क्या फैसला है?
राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि "भंगी", "नीच", "भिखारी", और "मंगनी" जैसे शब्द जातिसूचक शब्द नहीं हैं। इसलिए ऐसे शब्द इस्तेमाल करने के आरोपियों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत लगाए गए आरोपों को हटाने का आदेश दिया है।
मायावती ने इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
मायावती ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले की आलोचना की है और कहा है कि इससे जातिवादी और असामाजिक तत्वों के हौंसले बढ़ सकते हैं। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की मांग की है।
क्या मायावती ने किसी राजनीतिक दल पर निशाना साधा है?
मायावती ने अपने ट्वीट में बीजेपी और कांग्रेस सरकारों पर दलित और आदिवासियों के प्रति गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया है।
राजस्थान सरकार को आगे क्या कदम उठाना चाहिए?
मायावती के अनुसार, राजस्थान सरकार को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गंभीरता से विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए, ताकि जातिवाद और समाजिक असमानता के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके।

 

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