Surya Tilak : आज देशभर में राम नवमी मनाई जा रही है। इस वर्ष अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में दोपहर 12 बजे भगवान राम के बाल स्वरूप रामलला का सूर्य तिलक होगा। वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक सूर्य तिलक के दौरान 9 तरह के शुभ योग और कई ग्रहों का ऐसा संयोग बना हुआ है, जैसा त्रेतायुग में भगवान राम के जन्म के समय बना था। बता दें कि रामनवमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 1 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
राम नवमी पर ग्रहों का संयोग
त्रेता युग में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम सूर्यवंशी राजा के कुल में पैदा हुए थे और प्रतिदिन सुबह सूर्य को अर्ध्य देते थे। अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम नवमी के ही दिन भगवान राम का सूर्य तिलक किया जाएगा। 17 अप्रैल दोपहर 12 बजे भगवान राम के मस्तक पर सूर्यदेव तिलक करेंगे। अभिजीत मुहूर्त में राम लला का सूर्य अभिषेक किया जाएगा। राम नवमी पर सूर्य तिलक और भगवान श्रीराम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 1 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। 17 अप्रैल को रामलला के सूर्य तिलक के दौरान रवियोग, गजकेसरी, केदार, पारिजात, अमला, शुभ, सरल, काहल और वाशि योग बनेगा। यानी प्रभु श्रीराम का सूर्य तिलक 9 शुभ योग में होगा।
ग्रहों का दुर्लभ संयोग भी रहेगा
वाल्मीकि रामायण के अनुसार त्रेता युग में अयोध्या में जब प्रभु राम का जन्म हुआ था तब सूर्य और शुक्र अपनी-अपनी उच्च राशि में थे और चंद्रमा भी स्वयं की राशि में मौजूद थे। इस बार राम नवमी पर भी ऐसा शुभ संयोग बना हुआ है। इसके अलावा शनि अपनी स्वराशि में रहेंगे। सूर्य अपनी उच्च राशि यानी मेष राशि में हैं। ऐसे में ग्रहों के शुभ संयोग के कारण रामनवमी पर व्रत, पूजा-पाठ और मंत्रों का जाब करना शुभ फलदायी रहेगा। शास्त्रों के अनुसार भगवान राम का जन्म त्रेता युग में कर्क लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र, अभिजीत मुहूर्त और सूर्य के उच्च राशि में हुआ था।