Ranchi. रांची की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को झटका दिया है। दरअसल यहां भी मोदी सरनेम को लेकर दिए गए बयान पर मानहानि केस चालू हुआ था। जिसमें पेशी से छूट के लिए राहुल गांधी की ओर से याचिका दायर की गई थी। अदालत ने उक्त याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में पेश दलीलों और सरकार की ओर से हाजिर वकील की आपत्ति सुनने के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
प्रदीप मोदी नामक शख्स ने किया है मुकदमा
रांची में प्रदीप मोदी नाम के शख्स ने राहुल गांधी के खिलाफ यह मानहानि का केस लगाया था। केस में कहा गया है कि चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिए गए इस बयान से मोदी सरनेम के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इस प्रकरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने बहस की।
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दरअसल साल 2019 में कर्नाटक की एक चुनावी रैली में राहुल ने मोदी सरनेम पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी, सबका कॉमन सरनेम क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल की इस टिप्पणी पर सबसे पहले बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। मार्च के महीने में सूरत की अदालत ने इस केस में राहुल को दोषी ठहराया और 2 साल की सजा सुनाई थी।
अदालत के इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उनकी सदस्यता भी रद्द कर दी थी। जिसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ बिहार में सुशील मोदी ने भी मानहानि का केस दाखिल किया था। वहां राहुल को पेशी से छूट मिल गई थी, लेकिन रांची की अदालत ने उन्हें पेशी से छूट देने से इनकार किया है। इस फैसले के बाद राहुल गांधी को रांची की एमपी-एमएलए कोर्ट में हर पेशी पर हाजिर होना पड़ेगा।