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भारत की असली विरासत
Tourism: भारत की ये ऐतिहासिक जगहें सिर्फ पत्थर की इमारतें नहीं। बल्कि सदियों पुरानी कहानियां सुनाती हैं। ये राजा-महाराजाओं की विरासत और समय से भी मजबूत आर्किटेक्चर को दिखाती हैं। मुगलों से पहले बनी ये धरोहरें आज भी उतनी ही शानदार और भव्य दिखती हैं।
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मध्यप्रदेश का सांची स्तूप
यह विशाल स्तूप दुनिया के सबसे पुराने बौद्ध स्मारकों में से एक है। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक ने करवाया था। इसके सुंदर नक्काशीदार प्रवेश द्वार (तोरण) इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती हैं, जो बुद्ध के अवशेष संजोए हुए हैं।
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मध्यप्रदेश के खजुराहो मंदिर
इन मंदिरों का निर्माण 950 से 1050 ईस्वी के बीच चंदेल वंश ने करवाया था। ये मंदिर अपनी खूबसूरत मूर्तियों और बारीक नक्काशी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। यहां की नक्काशी देवी-देवताओं और नर्तकियों को दर्शाती है। ये भौतिक और आध्यात्मिक जीवन के बीच संतुलन को बताती है।
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तमिलनाडु का महाबलीपुरम शोर मंदिर
यह यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट आठवीं शताब्दी में पल्लव राजा नरसिंहवर्मन द्वितीय ने बनवाया था। यह दक्षिण भारत के सबसे पुराने संरचनात्मक मंदिरों में से एक है, जो बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। इसे चट्टानों को काटकर नहीं, बल्कि पत्थर के टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया था।
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महाराष्ट्र का एलोरा कैलासा मंदिर
यह मंदिर आठवीं शताब्दी की कला का अनोखा नमूना है। इसे ऊपर से नीचे तक एक ही बड़ी चट्टान को तराशकर बनाया गया है। यह भगवान शिव को समर्पित है। इसे बनाने के लिए करीब 2 लाख टन चट्टानें हटाई गई थीं लेकिन यह काम कैसे हुआ, यह आज भी एक रहस्य है।
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बिहार की बराबर गुफाएं
ये गुफाएं भारत की सबसे पुरानी संरचनाओं में गिनी जाती हैं। माना जाता है कि ये सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में ठोस ग्रेनाइट से तराशी गई थीं। इनका आंतरिक भाग आज भी शीशे जैसा चमकता है, जो प्राचीन पाषाण वास्तुकला की महारत का प्रतीक है।
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विरासत की अमर कहानी
ये सभी स्थल हजारों साल बाद भी अडिग खड़े हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। ये जगहें हमें भारत की असली आत्मा और समृद्ध इतिहास को महसूस कराती हैं। ये धरोहरें बताती हैं कि वक्त बदल गया लेकिन इनकी शान और भव्यता कभी नहीं बदली।
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