सोशल मीडिया में इस वीडियो सॉन्ग को लेकर छिड़ी बहस, जानिए ''तेरे मक्के और मदीने में भी मेरा भोला पूजा जावे है'' पर क्यों समर्थन ?

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Sunil Shukla
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सोशल मीडिया में इस वीडियो सॉन्ग को लेकर छिड़ी बहस, जानिए ''तेरे मक्के और मदीने में भी मेरा भोला पूजा जावे है'' पर क्यों समर्थन ?

NEW DELHI. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक धार्मिक वीडियो सॉन्ग को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई है। समाज का एक बड़ा वर्ग इसे धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बताकर इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वायरल कर रहा है तो एक तबका इसे अपने धर्म का अपमान बताते हुए भावनाएं भड़काने वाला मान रहा है। इसी के चलते उसने केंद्र सरकार से दखल देने की मांग करते हुए विवादित वीडियो सॉन्ग को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने और इसके सिंगर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस गाने को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा क्यों बरपा है ?





गाने में विवाद की सबसे बड़ी वजह





वीडियो सॉन्ग का मुखड़ा है 'तेरे मक्के और मदीने में भी मेरा भोला पूजा जावे है।' बस यही इस गाने में विवाद की सबड़े बड़ी जड़ है। सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष आराधना और इसके लिए उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर डीजे के साथ निकलने वाली कांवड़ यात्राओं में ये गाना जोर पकड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इसे दिल्ली के सिंगर और कोरियोग्राफर विकास बब्बर सिंघोलिया ने लिखा और गाया है।





नाराज लोगों ने की कानूनी कार्रवाई की मांग





भगवान भोलेनाथ की भक्ति में गाए गए इस गाने में मुस्लिमों के पवित्र धार्मिक स्थल मक्का-मदीना के विजुअल्स भी दिखाए गए हैं। गाने के बीच-बीच में कुछ विजुअल्स में मक्का-मदीना के पवित्र स्थलों पर भगवान शंकर के अलग-अलग रूप सुपरइम्पोज किए गए हैं। यही विरोध की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। लोगों का कहना है कि ऐसा करके दुनियाभर में अरबों लोगों की भावनाएं भड़काने का प्रयास किया है। इससे नाराज लोग बड़ी संख्या में यूट्यूब और ट्विटर पर अपनी नाराजगी का इजहार कर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस से विवादित वीडियो को सभी प्लेटफॉर्म से हटाने और सिंगर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।





'फिजा में जहर घोलने का काम कर सकता है ये गाना'





पत्रकार जाकिर अली त्यागी के मुताबिक इस गाने के द्वारा पवित्र धार्मिक स्थल 'मक्का और मदीना' को निशाना बनाया गया है। काबा की तस्वीर को एडिट कर अरब के लोगों को भड़काने की कोशिश की गई है। गाने का लेखक, सिंगर, कोरियोग्राफर विकास बब्बर सिंघोलिया है जो कि दिल्ली के नरेला में रहता है। दिल्ली पुलिस आपको त्वरित संज्ञान लेते हुए इस व्यक्ति पर कार्रवाई कर इस गाने को तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाना चाहिए, यदि इस व्यक्ति पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो ये गाना चल रही कांवड़ यात्रा में हर डीजे पर गूंजेगा, जो कि फिजा में जहर घोलने का काम कर सकता है।





'ये गाना बेहद बेहूदा'





इस मामले पर पत्रकार श्याम मीरा सिंह का कहना है कि विकास बब्बर सिंहोलिया नाम के इस गायक ने मुस्लिमों के पवित्र स्थान-मक्का को लेकर बेहूदा गीत बनाया है। आम हिंदुओं के पास भगवान शिव को समर्पित हजारों गीत हैं, लेकिन संघियों को शिव भी मक्का में नजर आएंगे, दिल्ली पुलिस को इस सिंगर पर कार्रवाई करनी चाहिए।





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बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने किया समर्थन





इस वीडियो सॉन्ग का विरोध करने वालों के विपरीत समाज का दूसरा बड़ा वर्ग इसे सामाजिक और धार्मिक सौहार्द का उदाहरण बता रहा है। सोशल मीडिया पर इस बहस के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी भी गाने के पक्ष में कूद पड़े हैं। उन्होंने ट्विटर पर इस गाने के विरोध में किए गए कमेंट का जवाब देते हुए लिखा कि हम तो बचपन से गा रहे हैं 'रघुपति राघव राजा राम, ईश्वर अल्लाह तेरा नाम। इसे लेकर हमको तो कभी कष्ट नहीं हुआ। इस नए गाने में ऐसी क्या बात कह दी, जिससे अन्य लोगों को बुरा लग रहा है। जब पीके (PK) मूवी देखकर कोई समस्या नहीं हुई तो फिर इस गाने में सौहार्द की बातों पर क्या समस्या आ गई ?



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