खुशखबरी... लगातार तीसरी बार 6.5% पर स्थिर रहा रेपो रेट, नहीं बढ़ेगा लोन और EMI का बोझ

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The Sootr CG
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खुशखबरी... लगातार तीसरी बार 6.5% पर स्थिर रहा रेपो रेट, नहीं बढ़ेगा लोन और EMI का बोझ

NEW DELHI. मौद्रिक नीति समिति की 3 दिन चली समीक्षा बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार (10 अगस्त) को नई मौद्रिक नीति की घोषणा की है। लगातार तीसरी बार रेपो रेट को 6.5% को स्थिर रखने का फैसला लिया गया। इससे पहले अप्रैल और जून में हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखा गया था। इससे अब उपभोक्ताओं पर लोन और ईएमआई का बोझ नहीं बढ़ेगा। गवर्नर ने बताया कि खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़कर 5.4% हो गया है। 



लंबे मंथन के बाद अहम निर्णय



6 सदस्यों वाली एमपीसी के सामने रेपो रेट के अलावा देश में बढ़ रही महंगाई, अर्थव्यवस्था इत्यादि जैसे तमाम मुद्दे थे, जिसके मद्देनजर 8 अगस्त से 10 अगस्त तक चली बैठक काफी महत्वपूर्ण थी। लंबे मंथन के बाद गर्वनर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा, फिलहाल रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर ही स्थिर रहेगा। ऐसे में अब लोन महंगा नहीं होगा, वहीं ऐसे में उन उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी, जो ईएमआई भरते हैं। 



फरवरी 2023 में 0.25% बढ़ा था रेपो रेट 



आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था। फरवरी 2023 में एमपीसी ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया था। फरवरी में रेपो रेट में हुए इस बदलाव को मिलाकर मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 250 आधार अंकों यानी 2.5% की बढ़ोतरी की गई है।



जीडीपी 6.5% पर बरकरार रहेगी, अगले वित्त वर्ष में 6.6% होने का अनुमान



आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी की वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखकर राहत दी है। द्विमासिक मौद्रिक नीति का फैसला सुनाते हुए दास ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधि लचीलापन बनाए रख रही है। 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी की पहली तिमाही में 8 प्रतिशत, Q2 में 6.5 प्रतिशत, Q3 में 6.0 प्रतिशत और Q4 में 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 25 में जीडीपी का अनुमान 6.6 प्रतिशत है।



मुद्रास्फीति का अनुमान 5.4 प्रतिशत



दास ने टमाटर सहित सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 2024 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 5.1% था। गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 2023-24 के लिए 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे महंगाई को कंट्रोल करने में राहत मिलेगी। 



चौथी तिमाही के लिए 5.2 प्रतिशत का अनुमान



जोखिमों को समान रूप से संतुलित करते हुए दूसरी तिमाही के लिए सीपीआई 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 5.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 5.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया है। वहीं वित्त वर्ष 25 के लिए पहली तिमाही यानी 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सीपीआई मुद्रास्फीति मई में 4.3 प्रतिशत से बढ़कर जून में 4.8 प्रतिशत हो गई जिसका कारण सब्जी, अंडे, मांस, मछली, अनाज, दालों और मसालों की कीमतों में आई तेजी है।


RBI Governor Shaktikanta Das आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास Monetary Policy Committee repo rate stable 6.5% retail inflation estimated at 5.4% GDP growth rate मौद्रिक नीति समिति की बैठक रेपो रेट 6.5% पर स्थिर खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 5.4%