NEW DELHI. 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर मोदी 3.0 सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं। मोदी सरकार अपने लक्ष्य विकसित भारत के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 100 दिन का एजेंडा सेट किया था। सरकार का सबसे ज्यादा फोकस आर्थिक मोर्चे पर रहा है। 100 दिनों में 15 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू की गईं।
100 दिनों में किस सेक्टर पर खास फोकस?
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल 100 दिनों का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) सरकार ने पहले 100 दिनों के दौरान तीन लाख करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें 25 हजार गांवों को रोड नेटवर्क से जोड़ना और महाराष्ट्र के वधावन का विशाल बंदरगाह का निर्माण शामिल है। सरकार ने मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे के विकास, स्वास्थ्य सेवाओं, सड़क, रेलवे, बंदरगाह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, सुरक्षा आदि पर विशेष ध्यान दिया है।
किसानों के हित में लिए बड़े फैसले
मोदी सरकार ने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कृषि पर भी खास फोकस किया है। इस अवधि में सरकार के किसानों के हित में कई फैसले लिए। मोदी सरकार ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) में बढ़ोतरी की। प्याज और बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को हटाया। कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की।
मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की। 9.3 करोड़ किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ पहुंचे हैं। सरकार की माने तो अब तक 12 करोड़ 33 लाख किसानों को 3 लाख करोड़ रुपए वितरित किए गए है। इसके अलावा 12,100 करोड़ के आवंटन के साथ आंध्र प्रदेश में पोलावरम सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई। बता दें कि पहले 100 दिनों के लिए लोकसभा चुनाव के पहले से ही तैयारी चल रही थी। किसान और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर फोकस रखते हुए सरकार ने बड़े निर्णय लिए।
महाराष्ट्र में वधावन बंदरगाह को दी मंजूरी
मोदी सरकार दो कार्यकाल में भारत में जलमार्ग के माध्यम से परिवहन कनेक्टिविटी को मजबूत करने में जुटी रही। मोदी सरकार ने अब तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में बड़ा फैसला लिया और महाराष्ट्र के वधावन 76 हजार 200 करोड़ रुपए की लागत वाले ऑल वेदर ग्रीनफील्ड पोर्ट (बंदरगाह) के निर्माण को मंजूरी दी, इसके बनने से रोजगार के दस लाख अवसर पैदा होने की उम्मीद है। दावा है कि यह बंदरगाह दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों में शामिल होगा।
रोड नेटवर्क को मजबूत करने पर फोकस
इसके साथ ही वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-4 (Prime Minister Rural Road Scheme-IV) के तहत प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 49 हजार करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता से 25 हजार गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़कों और पुलों के निर्माण/उन्नयन को मंजूर किया गया। साथ ही सरकार ने भारत के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 50 हजार 600 करोड़ रुपए के निवेश से को भी मंजूरी दी है। इसमें 936 किलोमीटर लंबी आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाएं की मंजूरी भी शामिल है।
आठ नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी
मोदी सरकार ने लद्दाख को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाली शिंखुन-ला सुरंग के निर्माण के लिए भी पहल कर दी है। सरकार ने यात्री सुविधाओं और रेल विकास के लिए आठ नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे कई राज्यों को लाभ होगा और रोजगार बढ़ेंगे।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बड़े फैसले
सरकार ने बुजुर्गों के हित में फैसला लेते हुए आयुष्मान भारत योजना का विस्तार किया गया है। 70 साल या उससे ज्यादा आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को अब 5 लाख रुपए तक का फ्री बीमा प्रदान किया जाएगा, जिससे 4.5 करोड़ परिवार और 6 करोड़ बुज़ुर्गों को फायदा मिलेगा। साथ ही 75 हजार नई मेडिकल सीटें बढ़ाई गई हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने और विदेशी मेडिकल पढ़ाई पर निर्भरता में कमी आएगी। साथ ही राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग देश में डॉक्टरों का केंद्रीकृत संग्रह के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर तैयार कर रहा है।
तीन नए आपराधिक कानून लागू
1 जुलाई 2024 को अंग्रेजों के आपराधिक कानूनों को बदलकर तीन नए कानून लागू किए गए, जिनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं। साथ ही पेपर लीक की बड़ी समस्या के निपटारे के लिए के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 पेश किया गया है। इसके साथ ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदला गया। अब पोर्ट ब्लेयर का नाम श्री विजयपुरम होगा।
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