नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस (Republic Day) को लेकर बड़ा फैसला किया है। देश में अब गणतंत्र दिवस के जश्न की शुरुआत 23 जनवरी से होगी। यह यह 24 जनवरी से शुरू होती थी। सरकार ने यह कदम सुभाष चंद्र बोस (Subash Chandra Bose) की जयंती को भी गणतंत्र दिवस के जश्न में शामिल करने के लिए उठाया है। बता दें कि मोदी सरकार ने पहले सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने अब अहम दिवस की घोषणा कर चुकी है। अभी हाल ही में पीएम मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि हार साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
मोदी सरकार का यह फैसला भारत के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी बड़ी हस्तियों को याद करने के लिहाज से उठाया गया है। गौरतलब है कि भाजपा सरकार पहले भी कई तारीखों को राष्ट्रीय महत्ता के दिवस के तौर पर घोषित कर चुकी है।
- 14 अगस्त - विभाजन भयावह स्मृति दिवस
कोरोना के नए वैरिंएट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच होने जा रही गणतंत्र दिवस परेड में इस बार 24 हजार लोग ही शामिल हो सकेंगे। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। वहीं पिछले साल गणतंत्र दिवस की परेड में 25 हजार लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी। जबकि, 2020 में कोरोना महामारी से पहले हुई परेड में 1.25 लोगों को शामिल होने की अनुमति थी।
गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों को निमंत्रण देने की परंपरा है। हालांकि, इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए कोई विदेशी मेहमान इसमें शामिल नहीं होगा। पिछले साल हुई परेड में भी कोई विदेशी नेता शामिल नहीं हुआ था। सूत्रों ने बताया कि इस बार उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य और ताजिकिस्तान के नेताओं को आमंत्रित करने की योजना थी।