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NEW DELHI. सूडान में मिलिट्री-पैरामिलिट्री में जारी जंग से हालात बदतर हो गए हैं। इसी बीच सूडान में फंसे भारतीयों को लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाया गया है। जिसके तहत अब तक 1600 भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है, जबकि 2400 इंडियंस को सूडान से जेद्दाह पहुंचा दिया गया है। ऑपरेशन के तहत शनिवार, 29 अप्रैल को 365 भारतीय दिल्ली लौट आए हैं। यह सूडान से बचाए गए भारतीयों का छठा बैच है। साथ ही आईएनएस तेग से 288 भारतीयों के 14वें बैच को जेद्दाह के लिए रवाना किया गया है। वहीं अमेरिका ने पहली बार सूडान से अपने 300 लोगों को बाहर निकाला है।
नाइट विजन गॉगल्स की मदद से विमान को किया लैंड
ऑपरेशन कावेरी के तहत शुक्रवार, 28 अप्रैल की रात भारतीय वायुसेना ने युद्ध में धधक रहे सूडान की जमीन पर उतरकर अपनी तरह का पहला ऑपरेशन चलाया। गरुड़ कमांडो की सुरक्षा में C-130J सुपर हर्क्यूलिस विमान रात में सूडान की एक जर्जर हवाई पट्टी पर उतारा गया। वहां से 121 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित जेद्दाह पहुंचाया गया। घना अंधेरा होने की वजह से पायलट्स ने नाइट विजन गॉगल्स की मदद से यहां विमान को लैंड कराया। वायुसेना के अफसर ने बताया कि यह साहसिक ऑपरेशन 27-28 अप्रैल की रात को चलाया गया था। जानकारी मिली थी कि खार्तूम से सिर्फ 40 किमी दूर वादी सयीदिना हवाई पट्टी के पास भारतीय नागरिक जमा हैं। इनमें एक गर्भवती और कुछ बीमार लोग हैं। लैंडिंग और टेक ऑफ में ढाई घंटे का समय लगा, इस दौरान 8 गरुड कमांडो लोगों के चारों तरफ सुरक्षा घेरा बनाकर तैनात रहे।
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कैप्टन रवि नंदा के नेतृत्व में चला ऑपरेशन
सेना के अधिकारियों ने बताया कि C-130J सुपर हर्क्यूलिस विमान के कैप्टन रवि नंदा हैं। उनके ही नेतृत्व में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। रवि इससे पहले भी पिछले साल अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के लिए चलाए गए ऑपरेशन का हिस्सा थे। तब उन्हें गैलेंटरी मेडल से सम्मानित भी किया गया था।
खराब हालत में था वादी सयीदिना रनवे
सूडान में जंग के बीच से खार्तूम से इन भारतीयों को भारत के रक्षा सैन्य सलाहकार लेकर आ रहे थे। उन्होंने विमान के कमांडर से लगातार संपर्क बनाए रखा। उनके पहुंचते ही सभी को एयरलिफ्ट कर लिया गया। सूडान के वादी सयीदिना में बना रनवे बेहद खराब हालत में था। यहां ना तो नेविगेशन में मदद करने के लिए कोई मौजूद था, ना फ्यूल का प्रबंध था और ना ही लाइट की कोई व्यवस्था थी। जिसकी मदद से रात में विमान को लैंड कराया जा सके। इसके बावजूद वायुसेना के पायलट इस हवाई पट्टी पर लैंडिंग कराने में सफल रही। रवने पर कहीं कोई रुकावट तो नहीं है, यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इंफ्रा रेड सेंसर की मदद ली। वहां ढाई घंटे तक हवाई पट्टी वायुसेना के कब्जे में रखी गई।
युद्ध के कारण लोग बंदरगाह नहीं पहुंच पा रहे
अफसर ने बताया कि युद्ध की वजह से ये लोग बंदरगाह नहीं पहुंच पा रहे थे, जहां से नौसेना के युद्धपोत भारतीयों को जेद्दा लेकर जा रहे हैं। मुसीबत में फंसे नागरिकों को देखते हुए वायु सेना ने तत्काल C-130J सुपर हर्क्यूलिस रवाना कर दिया। इस पूरे ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने नजर बनाए रखी।
पहले बमबारी रुके फिर होगी बातचीत- आरएसएफ चीफ
सूडान में मिलिट्री-पैरामिलिट्री में जारी जंग के बीच आरएसएफ के चीफ जनरल मोहम्मद हमदान डागालो ने बताया कि- जब तक सेना की ओर से बमबारी नहीं रुकेगी, हम उनसे कोई बातचीत नहीं करेंगे। सीजफायर के दौरान भी सेना लगातार हमारे सैनिकों पर हमले कर रही है। हम सूडान को तबाह नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आर्मी चीफ ईरानी लीडर्स के कहने पर फैसले ले रहे हैं।
अब तक 2400 इंडियंस को जेद्दाह पहुंचाया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने बताया कि शुक्रवार, 28 अप्रैल की रात 135 भारतीयों का 12वां बैच C-130J विमान से सूडान से जेद्दाह पहुंच गया। वहीं सूडान में तैनात INS सुमेधा ऑपरेशन कावेरी के तहत 300 भारतीयों के 13वें बैच को लेकर रवाना हो गया है। यानी अब तक कुल 2100 भारतीयों को सूडान से जेद्दाह पहुंचाया गया है।
कुल 1600 भारतीय नागरिकों को देश वापस लाया जा चुका
अब तक कुल 1600 भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस लाया जा चुका है। शनिवार, 29 अप्रैल को सुबह 231 भारतीयों के साथ एक और विमान नई दिल्ली पहुंचा था। इससे पहले शुक्रवार को हमारे कुल 754 नागरिक भारत पहुंचे। इनमें से 362 बेंगलुरु पहुंचे। इनके पहले 392 भारतीय एयरफोर्स के कार्गो एयरक्राफ्ट C-17 से नई दिल्ली पहुंचे। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के हवाले से दी गई। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया पर कहा- ऑपरेशन कावेरी के तहत 362 भारतीय बेंगलुरु पहुंच चुके हैं। इन्हें सऊदी अरब के जेद्दाह से भारत लाया गया। वहां हमने ट्रांजिट कैम्प बनाया है।