भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना 13 मई 2024 को रिटायर हो गए हैं। कार्यकाल के आखिरी दिन उन्होंने कहा कि वे रिटायरमेंट के बाद कोई आधिकारिक पद नहीं लेंगे, लेकिन वे कानून के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएंगे। संजीव खन्ना, जो 18 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत हुए थे, ने अपनी फेयरवेल स्पीच में यह भी कहा कि उनका रिटायरमेंट उनके लिए एक नई शुरुआत होगी।
प्रशासनिक पद नहीं लेंगे
संजीव खन्ना ने अपनी विदाई स्पीच में कहा कि कानूनी पेशे में सच की कमी उन्हें हमेशा परेशान करती रही है। उनके अनुसार, एक जज का काम कोर्ट पर हावी होना नहीं, बल्कि न्याय की प्रक्रिया को ठीक से पूरा करना है। उन्होंने यह भी कहा कि वे तीसरी पारी खेलेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे प्रशासनिक पदों पर कार्य करेंगे।
बीआर गवई होंगे अगले CJI
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस बीआर गवई का नाम प्रस्तावित किया था, जिसे केंद्रीय कानून मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। जस्टिस गवई 14 मई 2024 को शपथ ग्रहण करेंगे और भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट में उनके ऐतिहासिक फैसले
सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल में जस्टिस खन्ना ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए, जिनमें अनुच्छेद 370 की निरस्ति, व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर करना, चुनावी बांड योजना और ईवीएम-वीवीपीएटी मिलान मामले जैसे अहम निर्णय शामिल हैं। उनके फैसलों ने भारतीय न्याय व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
DU से की थी पढ़ाई
जस्टिस संजीव खन्ना का कानूनी पेशे में 42 वर्षों का अनुभव रहा है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक हैं और दिल्ली उच्च न्यायालय में कार्य करते हुए कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर चुके हैं। उन्होंने हमेशा सरलता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी।
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