RIGHT TO REPAIR : प्रोडक्ट खराब होगा तो रिपेयर की गारंटी भी मिलेगी

उपभोक्ता मामलों के विभाग DOCA ने एक ऐसे पोर्टल की शुरुआत की थी, जिसमें एक ही प्लेटफार्म पर सभी कंपनियों के उत्पाद की जानकारी के अलावा उपभोक्ताओं के मरम्मत के अधिकार, उत्पादन की कीमत के उससे जुड़े सामान की जानकारी भी मिलेगी..

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Dr Rameshwar Dayal
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RIGHT TO REPAIR
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देश के उपभोक्ताओं ( Consumers ) को एक बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। अब कोई भी उत्पाद  खरीदने पर यह गारंटी ( Product Guarntee) दी जाएगी कि उसकी वारंटी ( RIGHT TO REPAIR ) की स्थिति क्या है, साथ ही वह किस सर्विस सेंटर ( Service Center ) पर रिपेयर ( Repair ) होगा। इसका एक लाभ यह मिलेगा कि लोगों को उस उत्पाद में विश्वास बढ़ेगा साथ ही उस प्रॉडक्ट को ई-कचरा ( E-waste ) बनने से भी रोका जा सकेगा। असल में सरकार के पास इफरात में इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि उनके अनेकों उत्पादों को कंपनियां रिपेयर नहीं करती हैं, जिसके चलते उन्हें पैसे का नुकसान तो उठाना ही पड़ता है साथ ही मानसिक तनाव भी झेलना पड़ा। इनमें एक प्रॉडक्ट वाटर प्यूरिफायर भी है। 

उपभोक्ता पोर्टल की शुरुआत पहले ही हो चुकी थी

करीब सवा साल पूर्व उपभोक्ता मामलों के मामले के विभाग ( DOCA ) ने एक ऐसे पोर्टल की शुरुआत की थी, जिसमें एक ही प्लेटफार्म पर सभी कंपनियों के उत्पाद की जानकारी के अलावा उपभोक्ताओं के मरम्मत के अधिकार, उत्पादन की की कीमत के उससे जुड़े सामान की जानकारी देनी होगी। अब इस मामले मं मंत्रालय ने और गंभीरता दिखानी शुरू कर दी है। उसके डीओसीए ने उत्पादों की मरम्मत को लेकर चार बड़े सेक्टर की कंपनियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ही अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उपभोक्ताओं के हित में इन कंपनियों को सर्विस सेंटर और वारंटी शर्तों के बारे में जानकारी देने के स्पष्ट आदेश जारी किए गए।

खास कंपनियों के साथ विभाग की महत्वपूर्ण बैठक

विभाग ने जिन कंपनियों के साथ बैठक आयोजित की उनमें ऑटोमोबाइल, टिकाऊ वस्तुएं, मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणो के अलावा कृषि औजार बनाने वाली कंपनियां शामिल थीं। इन कंपनियों को निर्देश जारी किए गए कि वे मंत्रालय के अधीन आने वाले ‘राइट टू रिपेयर’ पोर्टल में शामिल होकर उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुलझाने की व्यवस्था करें। इसके लिए उन्हें दिशा-निर्देश भी बताए गए। मंत्रालय के अनुसार सरकार का मानना है कि इस तरह के प्रयास उपभोक्ता सशक्तीकरण को लेकर की जा रही कवायद में भारत को विश्व में मजबूत उपभोक्तान्मुख व्यवस्था के तौर पर स्थापित करेंगे।

उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी मंजूर नहीं

असल में मंत्रालय के पास इस बात की जानकारी है और उसके पास ऐसी शिकायतें लगातार पहुंच रही हैं कि कंपनियों द्वारा ऐसे प्रॉडक्ट भी बेचे जा रहे हैं, जिनकी मरम्मत नहीं की जा सकती। इन्हें इस तरह से बनाया गया है कि उनका सीमित उपयोग ही हो सके और एक समय के बाद वे ई-कचरे में बदल जाए। ऐसी शिकायतें इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के बारे में सबसे अधिक है। इस खामियाजा उपभोक्ता को भुगतना पड़ता है, क्योंकि वह अतिरिक्त रकम खर्च कर अन्य उत्पाद खरीदने पर मजबूर हो जाता है। अब मंत्रालय यह चाहता है कि उपभोक्ता जो उत्पाद खरीद रहा है, वह उसका मालिक बन जाता है, इसलिए मरम्मत के बारे में उसे समुचित जानकारी न देकर उसके साथ धोखाधड़ी की जा रही है।

उपभोक्ताओं को मानसिक परेशानी से बचाना भी जरूरी

इस बैठक में यह बात भी उभरकर आई कि लोगों से मरम्मत के नाम पर बहुत अधिक कीमत वसूली जाती है, साथ ही कंपनियां उसमें समय भी बहुत लगाती हैं, जिससे उपभोक्ता को मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। बैठक में वाटर प्यूरीफायर कंपनी को यह निर्देश दिए गए कि वह हर इलाके में पानी की क्षारीयता व उसके दूषित होने को लेकर उपभोक्ता को इस बात की जानकारी दे कि उसमें लगने वाले कैंडल्स व अन्य सामान कितने दिन तक चलेगा। विभाग ने चेतावनी जारी कि स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता, मरम्मत व वारंटी की स्पष्ट जानकारी होना बहुत जरूरी है। ऐसा न होने का अर्थ यह है कि आप उपभोक्ताओं के अधिकार की अवहेलना कर रहे हैं। अब यह सभी जानकारी सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध करानी होगी।

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