भारतमाला प्रोजेक्ट, दावा- फाइटर जेट उतरने में सक्षम, हकीकत- बारिश में धंसा, 10.63 लाख करोड़ का प्रोजेक्ट; सड़क के नीचे 10 फीट गड्ढे

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BP Shrivastava
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भारतमाला प्रोजेक्ट, दावा- फाइटर जेट उतरने में सक्षम, हकीकत- बारिश में धंसा, 10.63 लाख करोड़ का प्रोजेक्ट; सड़क के नीचे 10 फीट गड्ढे

JODHPUR. देश के सबसे बड़े ग्रीन कोरिडोर 'भारतमाला प्रोजेक्ट' की जोधपुर से गुजरने वाली सड़क बिपरजॉय की बारिश से धंस गई। करीब 10.63 लाख करोड़ के इस प्रोजेक्ट की सड़क कई जगह बह गई है, वहीं सड़क के नीचे 10 फीट तक गड्ढे हो गए हैं। केंद्र सरकार का दावा था कि इस सड़क पर लड़ाकू विमान की लैंडिंग संभव है। इसके लिए सड़क पर जगह-जगह हेलीपैड बनाने का प्रस्ताव है। कुल 1257 किमी लम्बे इस हाइवे का 637 किमी हिस्सा राजस्थान से होकर गुजर रहा है यानी आधे से ज्यादा हाइवे राजस्थान से निकल रहा है। उसमें भी 210 किमी दूरी जोधपुर में आती है। जोधपुर में लगातार हुई बारिश से प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है।







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जोधपुर के गगाड़ी में प्रोजेक्ट के तहत बना बो स्ट्रिंग ब्रिज, इसी गगाड़ी इलाके में प्रोजेक्ट में हुआ कटाव। 



ब्रिज को बनाने में 600 टन लोहा और लागत 200 करोड़ रुपए आई।







5 किलोमीटर एरिया में हुआ कई जगह कटाव, फसलें बर्बाद





जोधपुर में कई दिन से बारिश का दौर जारी है। रविवार (18 जून) रात को हुई बारिश में जोधपुर शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर ओसियां के गगाड़ी इलाके के रतानिया ढाणी में सड़क का एक हिस्सा बहकर नजदीकी खेतों तक पहुंच गया। प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही सड़क की चौड़ाई 30 मीटर है। इसके बाद दोनों तरफ 15 मीटर का अटैच एरिया है। इसके बाद सीमेंटेड दीवार बनी हुई है। बारिश के कारण अटैच एरिया में कटाव हुआ और करीब 5 किलोमीटर के एरिया में सड़क से जुड़े हिस्से में कटाव हो गया। इससे सैकड़ों टन मिट्‌टी बहकर खेतों में चली गई। प्रोजेक्ट से जुड़े अफसर-कर्मचारी सोमवार (19 जून) को मिट्टी के कटाव और नुकसान का आकलन करते देखे गए। प्रोजेक्ट का हिस्सा बहकर खेतों में गया तो किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं।



मिट्‌टी खेतों में दूर-दूर तक जम गई। किसानों का कहना है कि कटाव के कारण उनके खेतों में पानी भर गया। किसानों का दावा है कि उनके खेत में बिछी पाइपलाइन और फव्वारे भी रेत में दब गए हैं।







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बिपरजॉय तूफान की बारिश के कारण एक्सप्रेस वे के नीचे की मिट‍्टी बह गई। इसकी मरम्मत का काम किया जा रहा है।







किसान बोला- हर बारिश में होता है कटाव





एक किसान ने बताया कि प्याज की फसल मिट्‌टी बहकर आने से बर्बाद हो गई। किसान ने कहा कि सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया है। पिछले साल भी प्रोजेक्ट के हिस्से से मिट्‌टी बहकर आ गई थी। इस साल फिर वही हुआ। उसने बताया कि



 कि रविवार शाम को बारिश आई तो भारतमाला प्रोजेक्ट का रैम्प टूट गया। इससे कटाव का पानी-मिट्‌टी खेत में घुस गया और फसल चौपट हो गई। किसान का कहना है कि रैम्प के निर्माण में खामी है, जिसका खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। किसान ने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि मुझे मुआवजा दिया जाए। साथ ही बार-बार जो कटाव हो रहा है, उसका पुख्ता इंतजाम किया जाए। किसान ने कहा कि हर बार जब तेज बारिश होती है तो पांच जगह से पानी आता है।





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किसानों ने रास्ता जाम कर जताई नाराजगी





रतानिया ढाणी और आस-पास के इलाके के लोग कटाव से बहकर आई मिट्‌टी और फसल के नुकसान को लेकर गुस्सा हो गए। सोमवार सुबह वे सड़क पर आ गए और रास्ता रोककर बैठ गए। किसानों ने काफी देर तक रोड पर प्रदर्शन किया और मुआवजे की मांग की। हाईवे जमीन से 20-25 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है। साथ ही दोनों तरफ दीवार बनाई गई है ताकि कोई जानवर इस तक नहीं पहुंच सके।





वाहन भी इस पर बनने वाले इंटर एक्सचेंज से होकर निकल पाएंगे। जो कम से कम 50-50 किलोमीटर के फासले पर बनाए गए हैं। बारिश में रोड का सपोर्ट एरिया, दीवार बह गए। सड़क कई जगह कटाव से खोखली नजर आ रही है।





प्रोजेक्ट मैनेजर बोले- लोगों ने साइड की नालियों को कवर किया





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प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनी एनकेसी के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर सुधीर शर्मा का कहना है कि ज्यादा बारिश के कारण सड़क से लगे अटैच एरिया में कटाव हो गया। इससे मिट्‌टी बह गई। एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर बनी नालियों को लोगों ने कवर कर दिया है। इससे पानी का दबाव ज्यादा होने से सड़क के हिस्से में कटाव आ गया। क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक कराया जा रहा है।



सड़क निर्माण करने वाली कंपनी ने हालांकि कटाव की सूचना मिलते ही तुरंत सड़क को ठीक करने का कार्य शुरू कर दिया। कटाव के हिस्से में दोबारा मिट्टी और कच्ची गिट्टियां ही भरने का काम किया जा रहा है। जबकि मानसून की बारिश अभी आना बाकी है। तेज बारिश में दोबारा कटाव आने का अंदेशा है।



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