RSS जाति-आधारित जनगणना के खिलाफ, जाति आधारित जनगणना से क्या हासिल होगा?

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Pooja Kumari
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RSS जाति-आधारित जनगणना के खिलाफ, जाति आधारित जनगणना से क्या हासिल होगा?

BHOPAL. भले ही कांग्रेस सहित विपक्षी दल पूरे देश में जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जाति जनगणना को गैरजरूरी करार दिया है। संघ के पदाधिकारी श्रीधर गाडगे ने जाति जनगणना के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखते हु कहा कि कोई जाति आधारित जनगणना नहीं होनी चाहिए, साथ ही उन्होंने सवाल किया कि इससे क्या हासिल होगा? उनका कहना है कि इन सबसे कुछ लोगों को राजनीतिक रूप से फायदा हो सकता है, क्योंकि इससे ये जानकारी मिलेगा कि किसी निश्चित जाति की आबादी कितनी है, लेकिन ये सामाजिक रूप से और राष्ट्रीय एकता के संदर्भ में अच्छा नहीं है?

जाति जनगणना की आवश्यकता नहीं

बता दें कि मीडिया से बातचीत के दौरान गाडगे ने कहा कि जाति आधारित जनगणना नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे कोई लाभ नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है कि कोई असमानता, शत्रुता या झगड़ा नहीं होना चाहिए। एक सवाल पर गाडगे ने कहा कि जाति आधारित जनगणना का आरक्षण से कोई संबंध नहीं है। आरक्षण एक अलग चीज है और आप जाति व्यवस्था को खत्म कर सकते हैं। मैं उस जाति का होऊंगा, जिसमें मैं पैदा हुआ हूं और जब ये आरक्षण के अंतर्गत आएगी, तो इसका उल्लेख किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण और जाति व्यवस्था अलग-अलग मुद्दे हैं। आरक्षण का प्रावधान सामाजिक उत्थान के लिए किया गया था। इसलिए पूर्ण सामाजिक प्रगति होने तक आरक्षण जारी रहेगा, क्योंकि सभी समुदायों ने अभी तक प्रगति नहीं की है।

प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव किया पारित

गाडगे का कहना है कि आरएसएस का रुख स्पष्ट है और प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति की प्रगति नहीं हो जाती, तब तक आरक्षण जारी रहेगा। यह एक सामाजिक व्यवस्था है, लेकिन इसका जाति आधारित जनगणना से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि जाति की गिनती नहीं होने पर आरक्षण में कोई बाधा नहीं आएगी।

महाराष्ट्र में हो रही जाति आधारित जनगणना की मांग

गाडगे ने बताया कि कोई व्यक्ति एक फॉर्म में अपनी जाति का उल्लेख करता है, लेकिन सर्वेक्षण की आवश्यकता क्यों है? बिहार में जातिगत सर्वे होने के बाद महाराष्ट्र में भी इसकी मांग हो रही है। गाडगे ने कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये एक राजनीतिक रुख था। चव्हाण का कहना है कि जाति-आधारित जनगणना हर समुदाय की संख्या की स्पष्ट तस्वीर देगी और सामाजिक कल्याण लाभों को वितरित करने में मदद करेगी। इससे आरक्षण की स्थिति पर भी तस्वीर साफ हो जाएगी। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने कहा कि जाति जनगणना किसी समुदाय की आबादी के अनुसार कल्याणकारी लाभों के वितरण को सक्षम बनाएगी।

NCP अजित गुट ने किया किनारा

मंगलवार को बीजेपी और शिंदे के विधायक तो आरएसएस मुख्यालय रेशिमबाग गए, लेकिन उनके साथ उप मुख्यमंत्री अजित पवार और उनके गुट का कोई विधायक नहीं गया। आरएसएस मुख्यालय जाने वाले विधायकों से वहां रखे रजिस्टर में हस्ताक्षर भी कराए गए। गाडगे ने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान एक दिन विधायक डॉ. हेडगेवार की समाधि पर आते ही हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है। गाडगे ने ‘पांच परिवर्तन’ के बारे में विधायकों को जानकारी दी। उन्होंने जाति आधारित असमानता पर कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए।


आरएसएस RSS Rashtriya Swayamsevak Sangh राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ Caste based census Shridhar Gadge जाति आधारित जनगणना श्रीधर गाडगे