SCO समिट में पाक से तल्खी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- अच्छे मेहमान के लिए मैं अच्छा मेजबान हूं, स्वामी ट्वीट पर हो रहे ट्रोल

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BP Shrivastava
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SCO समिट में पाक से तल्खी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- अच्छे मेहमान के लिए मैं अच्छा मेजबान हूं, स्वामी ट्वीट पर हो रहे ट्रोल


NEW DELHI. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में  पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जमकर खरी-खरी सुनाई। जयशंकर ने आतंकवाद के प्रोमोटर, प्रोटेक्टर और आतंकवाद उद्योग के प्रवक्ता के तौर पर पाकिस्तान की पोजीशन का जवाब दिया गया। उन्होंने बिलावल से दूर से ही नमस्ते किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच की तल्खी साफ दिखाई दी। बाद में मीडिया से चर्चा में एस जयशंकर ने कहा कि बिलावल भुट्टो एससीओ में बतौर विदेश मंत्री आए थे। अगर मेरे पास एक अच्छा अतिथि होगा, तो मैं एक अच्छा मेजबान हूं।



राहुल पर निशाना, ... मुझे पता चला वे खुद चीनी राजदूत से क्लास ले रहे थे



विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "मैं राहुल गांधी से चीन पर क्लास लेना चाहूंगा, लेकिन मुझे पता चला कि वह खुद चीनी राजदूत से क्लास ले रहे थे। माना जा रहा है कि विदेश मंत्री ने राहुल गांधी के पैंगोंग झील के किनारे चीन के पुल निर्माण को लेकर जनवरी में दिए गए बयान पर निशाना साधा है। तब राहुल ने तंज कसते हुए कहा था कि कहीं पीएम इस पुल का उद्घाटन करने ना चले जाएं। राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा था, 'हमारे देश में चीन एक कूटनीतिक पुल का निर्माण कर रहा है। पीएम की चुप्पी से पीएलए के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। अब तो ये डर है कहीं पीएम इस पुल का भी उद्घाटन करने ना पहुंच जाएं।



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चाबहार बंदरगाह पर भी की चर्चा



एस जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह पर भी बात की। उन्होंने कहा कि बंदरगाह के निर्माण के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। जब तक पाकिस्तान के रवैए में कुछ चमत्कारी परिवर्तन नहीं होता है, जिसकी मुझे उम्मीद नहीं है, हमें मध्य एशिया तक पहुंच विकसित करने के लिए रास्ता खोजना होगा। ईरान में बंदरगाह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह मुश्किल रहा है, ईरान प्रतिबंधों के अधीन रहा है, लेकिन हमने लगातार प्रगति की है। 



क्या है चाबहार बंदरगाह?



चाबहार बंदरगाह से भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच कारोबार करना और ज्यादा आसान हो जाएगा। इसके अलावा चाबहार बंदरगाह को पाकिस्तान में चीन की मदद से बन रहे ग्वादर बंदरगाह का जवाब माना जाता है। भारत के लिए चाबहार बंदरगाह इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे भारत के लिए मध्य एशिया से जुड़ने का सीधा रास्ता बन जाएगा और इसमें पाकिस्तान का कोई दखल नहीं होगा। इसके साथ ही अफगानिस्तान और रूस से भारत का जुड़ाव और मजबूत हो जाएगा। 2016 में हुए समझौते के तहत भारत चाबहार बंदरगाह में जरूरी साजो-सामान के लिए 85 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है। इसके साथ ही बंदरगाह के विकास के लिए भारत 150 मिलियन डॉलर का लोन भी दे रहा है। 



क्या है SCO? 



SCO का गठन 15 जून 2001 को हुआ था। तब चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने 'शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन' की स्थापना की। इसके बाद नस्लीय और धार्मिक तनावों को दूर करने के अलावा कारोबार और निवेश बढ़ाना भी मकसद बन गया। शंघाई सहयोग संगठन में 8 सदस्य देश शामिल हैं। इनमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं। इनके अलावा चार पर्यवेक्षक देश- ईरान, अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया हैं।



दुनिया की जीडीपी में एससीओ की एक-चौथाई हिस्सेदारी



इस संगठन में यूरेशिया यानी यूरोप और एशिया का 60 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्रफल है। दुनिया की 40 प्रतिशत से ज्यादा आबादी इसके सदस्य देशों में रहती है। साथ ही दुनिया की जीडीपी में इसकी एक-चौथाई हिस्सेदारी है। इतना ही नहीं, इसके सदस्य देशों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो स्थायी सदस्य (चीन और रूस) और चार परमाणु शक्तियां (चीन, रूस, भारत और पाकिस्तान) शामिल हैं।



 2005 में कजाकिस्तान में हुई थी समिट



2005 में कजाकिस्तान के अस्ताना में हुई समिट में भारत, पाकिस्तान, ईरान और मंगोलिया ने भी हिस्सा लिया। ये पहली बार था जब SCO समिट में भारत शामिल हुआ था। 2017 तक भारत SCO का पर्यवेक्षक देश रहा। 2017 में SCO की 17वीं समिट में संगठन के विस्तार के तहत भारत और पाकिस्तान को पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा दिया गया। SCO को इस समय दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन माना जाता है। इस संगठन में चीन और रूस के बाद भारत सबसे बड़ा देश है।



सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में जयशंकर को 'ग्लोरिफाइड वेटर' कहा



समिट में आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को लेकर बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट किया और वो यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर हमला करते हुए ट्वीट में ग्लोरिफाइड वेटर कह दिया, जिसको लेकर यूजर्स ने जमकर भड़ास निकाली है। स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा, “ग्लोरिफाइड वेटर जयशंकर एससीओ समिट में हिस्सा लेने आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की आवभगत में जुटे रहे। यहां तक कि उन्होंने बिलाल से नमस्ते की जगह हाथ मिलाया। समिट के बाद जब वो पाकिस्तान रवाना होने से पहले मीडिया से मुखातिब हुए तो वेटर के सामने ही गालियां देने लगे। ये हिंदू शिष्टाचार नहीं बल्कि, पाकिस्तान की तहजीब है। क्या वेटर संक्रमित हो गए हैं?”




— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 7, 2023



सोशल मीडिया यूजर्स ने लिया निशाने पर



स्वामी के इस ट्वीट को लेकर यूजर्स ने उन्हें जमकर लताड़ा है। एक यूजर ने लिखा कि क्या आपको लगता है कि एक विदेश मंत्री को वेटर कहना हिंदू शिष्टाचार है? एक अन्य यूजर ने लिखा कि हमारे देश के वित्त मंत्री के खिलाफ आपकी भाषा अनुचित है स्वामी जी। जब कोई आप पर अत्याचार कर रहा हो तो दूसरा शिष्टाचार का पालन नहीं कर सकता। स्वामी ने फिर एक ट्वीट में लिखा कि वेटर के वेस्टर्न कपड़े पहनना बंद करें। वह एक मंत्री हैं। उन्हें भारत को ऐसा दर्शाना चाहिए जो कि भारत है।


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