JAIPUR. सरकार से बर्खास्त किए गए सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा जिस लाल डायरी का जिक्र दो दिन से कर रहे थे, उसे लेकर राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जोरदार हंगामा हुआ। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के साथ हाथापाई का प्रयास भी किया गया, हालांकि दूसरे विधायकों ने बीच-बचाव कर सदन मेें एक अफसोसजनक दृश्य पैदा होने से बचा लिया, लेकिन इसी दौरान सदन के सुरक्षाकर्मी गुढ़ा को सदन से बाहर ले गए।
यूं शुरू हुआ घटनाक्रम
सदन में प्रश्नकाल के बाद स्पीकर सीपी जोशी सदन में होने वाले काम के बारे में व्यवस्थाएं दे रहे थे और उन्होंने विधायक नारायण बेनीवाल को अपने स्थगन प्रस्ताव पर बोलने के लिए नाम पुकार लिया था। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने गुढ़ा की लाल डायरी का मामला उठा दिया। स्पीकर ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसी दौरान गुढ़़ा खुद एक लाल रंग की डायरी लेकर स्पीकर के आसन के समक्ष आ गए और डायरी लहराते हुए उन्हें बोलने देने की मांग करने लगे। स्पीकर ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी और कहा कि चैम्बर में आ कर बात करें। इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य वैल में आ गए। इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल कुछ बोलने लगे तो गुढ़ा गुस्से में उनकी ओर बढ़े और उनका माइक नीचे कर दिया और उनके हाथ के कागज फाड़ दिए। ऐसा लगा कि हाथापाई हो सकती है। इसी बीच पीछे से कांग्रेस विधायक रफीक खान आगे आए और बीच-बचाव किया। इस बीच कांग्रेस के अन्य विधायकों ने राजेन्द्र गुढ़ा को घेर लिया और उनसे धक्का-मुक्की। यह पूर घटनाक्रम करीब नौ मिनिट तक चलता रहा। इस बीच स्पीकर ने सदन की कार्रवाई दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी और सुरक्षाकर्मी गुढ़ा का सदन से बाहर ले गए। बाद में गुढ़ा सदन से रवाना हो गए।
मुझ पर कांग्रेस के विधायकों ने हमला किया
सदन से बाहर आने के बाद गुढ़ा ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियो ने नहीं मेरे साथ कांग्रेस के विधायकों ने हाथापाई और धक्कामुक्की। गुढ़ा ने कहा कि मैं स्पीकर से यह पूछना चाह रहा था किे विधायक के रूप में कहां बैठूं। मैं अपनी बरखस्तगी के बारे में बोलना चाह रहा था। इस बीच धारीवाल बोलने लगे, लेकिन मैं बोलना चाह रहा था। लेकिन कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने मेरे साथ धक्का-मुक्की कर मुझसे डायरी छीन ली।
हर बार साथ दिया, उन्होंने ही धक्कामुक्की की
गुढ़ा ने कहा कि यह सरकार मेरे कारण ही बची। मैं 6 विधायक लेकर आया था। हर बार इनका साथ दिया। कांग्रेस के लोगों ने खींच कर बाहर निकाल दिया। मेरे साथ मंत्री धारीवाल, महेश जोशी और अन्य ने मारपीट की। मार्शल तो बाद में आए थे।
सरकार के सारे काले कारनामे हैं
गुढ़ा ने मीडिया के समक्ष डायरी तो दिखाई, लेकिन बहुत ज्यादा खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस डायरी में मेरे पास सरकार के सारे काले कारनामे हैं। सरकार के संकट के समय, आरसीए के चुनाव के समय, राज्यसभा के चुनाव के समय पैसे का जो लेन-देन हुआ और किसे कितने पैसे दिए गए, उसके सारे विवरण इसमें हैं। उन्होंने कहा कि सीएम ने ही विधायक दल की बैठक में यह डायरी लाने के लिए कहा था और मैं रामलाल जाट और धीरज गुर्जर के साथ जा कर धमेन्द्र राठौड़ के सिविल लाइंस स्थित फ्लेट से सीआरपीएफ के 150 जवानों के बीच यह डायरी लाकर सरकार को बचाया था। गुढा ने कहा कि मैं ये डायरी सदन में टेबिल करना चाह रहा था। मैं कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं। मैं लड़ाई लडूंगा। जनता के बीच जाऊंगा। गुढ़ा अपनी लड़ाई खुद लड़ेगा। जब तक मेरी सांस रहेगी राजस्थान की बहन बेटियों के लिए लड़ता रहूंगा।
गुढ़ा ने हमले की कोशिश की
घटनाक्रम के दौरान बीच-बचाव करने वाले विधायक रफीक खान ने कहा कि गुढ़ा धारीवाल के पास आ गए उन पर हमला करने की कोशिश की। अगर मैं समय पर नहीं पहुंचता तो बहुत गलत घटना हो जाती।
ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा
इस पूरे मामले पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गुढ़ा ने लाल डायरी की बात कही थी। सदन में मैने यही मामला उठाया था। कोई रिजाइन करता है या लिया जाता है तो उसे सदन में अपनी बात कहने का मौका दिया जाता है, लेकिन उन्हे बोलने का मौका नहीं दिया गया। जिस कांग्रेस के साथ वे लम्बे समय तक जुड़े रहे, उसके विधायकों ने ही उनके साथ धक्कामुक्की की। ऐसा दृश्य मैंने पहले कभी नही देखा। उन्होंने कहा कि हम इस मामले को यहां छोडेंगे नही और यह मामला उठाते रहेंगे।
लाल डायरी का टाइम लाइन
- शुक्रवार को विधानसभा में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए यह बयान दे दिया कि सरकार प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल हुई है…
लाल किताब पर लाल फ़ीताशाही
लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामों का चिट्ठा है। जो राजेन्द्र गुढ़ा कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री के आंखों के तारे थे, आज वो ही उनके लिए आंखों की किरकिरी बन गए हैं। विधायक विधानसभा में नहीं बोलेगा तो फिर कहां बोलेगा ? जब चुने हुए प्रतिनिधि को लोकतंत्र के मंदिर में ही जाने नहीं दिया जा रहा है, उनकी आवाज दबाई जा रही है तो जनता के विरोध की आवाज के साथ क्या सलूक किया जाएगा यह भलीभांति समझा जा सकता है। प्रदेश जानना चाहता है, लाल डायरी का सच क्या है? राजस्थान में लोकतंत्र तार-तार हो रहा है...!
राजेंद्र राठौड़, नेता प्रतिपक्ष
बड़े सवाल, जिनके जवाब चाहिए
बड़ी बयानबाजी करके विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने राजस्थान की राजनीति में हलचल भले ही पैदा कर दी हो, मगर कुछ सवाल उनके ऊपर भी उठ रहे हैं जिनके जवाब आना बेहद जरूरी हैं।
- बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा अपने अटपटे बयानों के लिए पहले से ही पूरे प्रदेश में जाने जाते हैं। चाहे वह कैटरीना कैफ के गानों की तरह सड़कें बनवाने का दावा हो या हाल ही में माता सीता को लेकर दिया गया बयान, ऐसे में राजेंद्र गुढ़ा के लाल डायरी के रहस्य वाले बयान की गंभीरता पर कितना भरोसा किया जाए?
विधानसभा में फिर हुआ हंगामा
राजस्थान विधानसभा में हंगामे की स्थिति लगातार बनी रही। विधाई कार्य पूरा कराने के बाद जब स्पीकर ने 1 घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की और फिर से जब सदन जुड़ा तो सरकार की ओर से मणिपुर हिंसा के मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव रखा गया था। इसी दौरान फिर हंगामा शुरू हो गया और भाजपा विधायक मदन दिलावर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की ओर तेजी से जाते नजर आए। वे उस संकल्प का कागज छीनना चाहते थे। इसी दौरान स्पीकर सीपी जोशी ने मार्शल बुलवा लिए। भाजपा विधायक मदन दिलावर को घेर कर खड़े हो गए। इसी बीच कांग्रेस विधायक भी वैल में आने लगे। स्थिति बिगड़ने पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।