हरियाणा में सैनी सरकार पर संकट , 3 निर्दलीय विधायकों ने वापस लिया समर्थन

निर्दलीय तीनों विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है। हालांकि, बीजेपी का कहना है कि निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से सरकार के बहुमत पर फर्क नहीं पड़ता है।

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Marut raj
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चंडीगढ़. हरियाणा से बड़े सियासी घटनाक्रम की खबर आई है। यहां तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इन विधायकों में पुंडरी से MLA रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से MLA धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से MLA सोमवीर सांगवान का नाम शामिल है। 

आपको बता दें कि मार्च में ही बीजेपी-जजपा गठबंधन टूट गया था। इसके बाद बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। इसके बाद बीजेपी ने मनोहर खट्टर को हटाकर नायब सैनी को सीएम बनाया था। 

कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा 

निर्दलीय तीनों विधायकों ने मंगलवार (7 मई) को रोहतक में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा ( Former CM Bhupendra Hooda ) की उपस्थिति में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। इससे सैनी की अगुआई वाली बीजेपी सरकार संकट में आ गई है। इधर, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा ने कहा कि सरकार अल्पमत में आ गई है। लिहाजा, सीएम नायब सैनी को इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव करवाने चाहिए।

बीजेपी के पास 43 तो विपक्ष के पास 45 MLA 

अब आपको सियासी गणित समझाते हैं। क्या है कि 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में अभी 88 विधायक हैं। बीजेपी के पास 43 विधायकों का समर्थन है। विपक्ष में अब 45 विधायक हो गए हैं। हालांकि इसके बावजूद सैनी सरकार को खतरा नहीं है। उसकी अलग सियासी वजह है। 

12 मार्च को ली थी शपथ

नायब सैनी ( CM Naib Saini ) ने इसी साल 12 मार्च को सीएम पद की शपथ ली थी। इसके बाद उन्होंने विधानसभा में विश्वास मत भी हासिल किया था। कानूनन दो फ्लोर टेस्ट के बीच कम से कम छह महीने का गैप जरूरी होता है। ऐसे में विपक्ष सितंबर 2024 तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता है। यहां गौरतलब यह भी है कि इसी साल अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में चुनाव होने हैं।

सीएम बोले— सबकी इच्छाएं होती हैं

निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, विधायकों की इच्छाएं होती हैं। हर व्यक्ति कुछ इच्छा के साथ जुड़ा होता है। कांग्रेस आजकल इच्छाएं पूरी करने में जुटी है। हालांकि लोग यह सब समझ रहे हैं कि किसकी इच्छा क्या है। कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से मतलब नहीं है, उन्हें अपनी इच्छाओं से मतलब है। 

 हमारे पास 47 विधायकों का समर्थन

इधर, निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के सवाल पर मीडिया कोआर्डिनेटर प्रवीन अत्रेय ने कहा कि इससे सरकार के बहुमत पर फर्क नहीं पड़ता है। आज भी हरियाणा में बहुमत की सरकार है। आंकड़ों को देखा जाए तो आज सरकार के पास 47 विधायकों का समर्थन है, जिस वजह से सरकार सुरक्षित है। हरियाणा में सैनी सरकार पर संकट | पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा  पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा 

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