कांग्रेस नहीं, BJP के 2 नेताओं के कहने पर दिया धरना, परमिशन भी दिलाई, पहलवान साक्षी मलिक ने किया खुलासा

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Vikram Jain
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कांग्रेस नहीं, BJP के 2 नेताओं के कहने पर दिया धरना, परमिशन भी दिलाई, पहलवान साक्षी मलिक ने किया खुलासा

NEW DELHI. भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के बीच चल रहे विवाद के बीच ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने एक नया दावा किया है। साक्षी मलिक ने कहा कि हमें (पहलवानों को) धरना देने के लिए बीजेपी नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने कहा था। इन दोनों नेताओं ने उन्हें कहा था कि बृजभूषण के खिलाफ अपनी आवाज उठाओ। यही नहीं, जंतर-मंतर पर धरने की परमिशन भी बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने ही दिलाई थी। जंतर-मंतर पर धरने को लेकर साक्षी मलिक ने परमिशन लेटर भी दिखाया। उन्होने जोर देते हुए कहा कि उनका विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है।  



बबीता फोगाट ने धरना देने के लिए कहा: साक्षी



साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने शनिवार (17 जून) को सोशल मीडिया पर द ट्रुथ टाइटल से अपना एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें ये दावे किए। उन्होंने खुद ही सवाल बताए और फिर उनके जवाब भी दिए। साक्षी का यह दावा इसलिए अहम है, क्योंकि बृजभूषण समेत BJP ये कहती रही कि धरने के पीछे हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा हैं। वहीं पहलवाल बबीता फोगाट खुद भी धरने में राजनीति होने की बात कहती रही। तीर्थ राणा जो हरियाणा के सोनीपत से ही बीजेपी के जिला अध्यक्ष हैं। इस दौरान साक्षी मलिक ने ये भी कहा कि हरिद्वार में इस तरह का माहौल बना दिया गया कि अगर हम मेडल बहाने जाते तो हिंसा होने का खतरा था।



हमारे अंदर एकता की कमी थी: साक्षी मलिक 



मीडिया के सवालों पर साक्षी मलिक ने कहा कि हमारे अंदर एकता की कमी थी। हम कभी एक साथ हो ही नहीं पाए। दूसरा कारण है नाबालिग लड़की, जिसने अपना बयान बदल दिया। हम तो एकजुट हैं, इसके बाद भी उन्होंने डर की वजह से बयान बदल दिए। 28 मई को होने वाली संसद पर महिला महापंचायत की कॉल हमारी नहीं महम में हुई पंचायत में बुजुर्गों व खाप प्रतिनिधियों ने दी थी। फैसले के बाद हमें पता लगा कि इसी दिन नई संसद भवन का उद्घाटन भी है। बुजुर्गों का मान-सम्मान रखते हुए संसद भवन कूच किया था। 

मेडल बहाने के सवाल पर साक्षी मलिक ने कहा कि जब हम हरिद्वार में मेडल बहाने गए थे, वहां तंत्र से जुड़ा एक व्यक्ति बजरंग के पास आया और उसे साइड में ले गया। वहां बजरंग से कहा कि तुम्हारे मुद्दे पर ऊपर बात चल रही है। मेडल विसर्जित मत करो। 7 बजे तक बजरंग को रोके रखा। इसके बाद वहां भीड़ जुट गई और ऐसा माहौल बना कि मेडल बहाने जाते तो वहां हिंसा हो सकती थी। इसलिए हमने फैसला बदला। 



प्रदर्शन को लेकर फैलाई जा रही अफवाह- कादियान



साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने कहा कि उनके प्रदर्शन को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। कादियान ने कहा, ‘मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और पुलिस से इजाजत बीजेपी के दो नेताओं ने ली थी।’ उन्होंने इस दौरान साक्षी को प्रदर्शन की स्वीकृति मांगने वाला पत्र दिखाने को कहा। यह पत्र पूर्व पहलवान बबीता फोगाट और तीरथ राणा ने लिखा था जो बीजेपी से जुड़े हैं। कादियान ने कहा, यह (प्रदर्शन) कांग्रेस समर्थित नहीं है। कुश्ती जगत में 90 प्रतिशत से अधिक लोग जानते हें कि पिछले 10 से 12 साल से यह (उत्पीड़न और डराना) हो रहा है। कुछ लोगों ने आवाज उठाने की कोशिश की लेकिन कुश्ती जगत एकजुट नहीं था। 

हैवीवेट वर्ग में चुनौती पेश करने वाले कादियान ने दोहराया कि उनकी लड़ाई डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ है, सरकार के खिलाफ नहीं. साक्षी ने कहा कि वे इतने वर्षों से चुप थे क्योंकि पहलवान एकजुट नहीं थे



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विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल 10 अगस्त के बाद कराए जाने की मांग



पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल 10 अगस्त के बाद कराए जाने की मांग की है। इनमें पत्र लिखने वालों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, सत्यव्रत कादियान, संगीता और जितेंदर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि धरने की वजह से उन्हें 23 सितंबर से हांगझोउ (चीन) में होने वाले एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल की तैयारियों के लिए कुछ और समय की जरूरत है। मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की एडहॉक समिति से पहलवानों की मांग पर विचार करने को कहा है। 


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