डॉ. रामेश्वर दयाल @ DELHI
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) बुधवार को एक बार फिर पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बड़ी रैली करने जा रहे हैं। प्रदेश बीजेपी ( BJP ) की योजना है कि इस रैली में संदेशखाली ( Sandeshkhali ) की पीड़ित महिलाओं की PM MODI से मुलाकात कराई जाए। इसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। प्रधानमंत्री की यह रैली संदेशखाली से करीब 85 किमी दूर नॉर्थ 24 परगना जिले के बारासात ( Barasat ) में होगी।
पार्टी की योजना है कि पीएम के साथ इन पीड़ित महिलाओं के साथ मंच साझा करवाया जाए। बड़ी बात है कि यह महिलाएं बिना घूंघट के पीएम से मिलेंगी। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने आरोप लगाया था कि संदेशखाली में प्रर्दशन करने वाली महिलाएं इलाके की नहीं थीं, बीजेपी वाले घूंघट में उन्हें कहीं और से लाए थे।
प्रदेश बीजेपी नेता पीड़ित महिलाओं को पीएम से मिलवाएंगे
संदेशखाली कांड आजकल बेहद चर्चा में है। आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख व उसके गुर्गों ने यहां के किसानों की जमीनें छीनी और महिलाओं का शोषण किया। हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद राज्य सरकार ने शेख को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उसके गुर्गे अभी भी संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं को धमका रहे हैं। इस मसले पर आंदोलन कर रहे राज्य के बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अब इन महिलाओं को प्रधानमंत्री से मिलाने का कार्यक्रम बना लिया है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गत 2 मार्च को राज्य के कृष्णनगर में एक रैली के दौरान संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं का उल्लेख किया था। अब वह गुरुवार को एक बार फिर से राज्य में एक रैली को संबोधित करने आ रहे हैं, इसलिए पार्टी नेता। इन महिलाओं को पीएम से मिलवाएंगे।
पीड़ित महिलाओं की लिस्ट बनाई गई है
इस मुलाकात को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी संदेशखाली का दौरा कर पीड़ित महिलाओं से मिल चुके हैं। उत्तरी 24 परगना के BJP जिला अध्यक्ष डिस्ट्रिक्ट तापस घोष का कहना है कि पीड़ित महिलाओं को बारासात में पीएम की होने वाली रैली में ले जाने की व्यवस्था की जा रही है। बताते हैं करीब 50 महिलाओं की लिस्ट तैयार कर ली गई है। यह महिलाएं रैली में पीएम से मिलेंगी उनका स्टेज प्रधानमंत्री के स्टेज के पीछे या उनके करीब वाली जगह पर बनाया जा रहा है। पार्टी इस बात की भी प्लानिंग कर रही हैं कि इनमें से कुछ महिलाएं पीएम के साथ मंच भी साझा करें। बताते हैं कि इस मामले में राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी पॉजिटिव रुख अपनाए हुए हैं। बोस ने 12 फरवरी को संदेशखाली पहुंचकर पीड़त महिलाओं से मुलाकात की थी और राज्य सरकार से इस बाबत रिपोर्ट भी मांगी थी।
ममता बनर्जी के क्या थे आरोप
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार होगा जब संदेशखाली की पीड़ित महिलाएं बिना घूंघट के सार्वजनिक रूप से सामने आएंगी। इसका कारण है कि मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने 15 फरवरी को आरोप लगाया था कि घूंघट में प्रदर्शन करने वाली औरतें संदेशखाली की नहीं हैं, वे बाहरी हैं। बीजेपी उन्हें लाई है और बीजेपी इस षडयंत्र में शामिल है। दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि इस बार महिलाएं बिना घूंघट के पीएम से मिलेंगी, ताकि उनका सारा डर खत्म हो जाए।