NEW DELHI. दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों की मांग पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआई दर्ज हो गई है। जिसके बाद पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक की पहली प्रतिक्रिया आई है। जिसमें उन्होंने कहा कि जिससे पहलवानों की लड़ाई है, जब तक उस व्यक्ति को पद से नहीं हटाया जाता और गिरफ्तारी नहीं होती है तब तक इन्हें कुछ भी कनसिडर (समझौता) नहीं करना चाहिए। इससे पहले शनिवार, 29 अप्रैल को प्रियंका गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने धरना स्थल पहुंचकर पहलवानों का समर्थन किया था। पहलवान बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में आठ दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।
मलिक ने कहा- हम सब और देश पहलवानों के साथ
अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि एफआईआर कोई चीज नहीं होती है, ये तो कोई भी दिखा सकता है। हालांकि मलिक ने साथ में यह भी कहा कि एफआईआर नहीं लिखी जा रही थी, इससे ठीक से समझा जा सकता है कि कौन लोग हैं जिससे पहलवानों की लड़ाई है। जब तक उस आदमी को पद से नहीं हटाते हैं, जो इन खिलाड़ियों का नुकसान कर सकता है। मलिक ने कहा कि मेरा यही सलाह है कि उस व्यक्ति को जब तक पद से नहीं हटाया जाता और गिरफ्तारी नहीं होती है तब तक इनको कुछ भी समझौता नहीं करना चाहिए। हम सब इनके साथ हैं और देश इनके साथ है।
बृजभूषण शरण सिंह यह बोले
यौन उत्पीड़न के आरोप से घिरे बृजभूषण शरण सिंह कहा कि जांच में फेडरेशन की कोई भूमिका नहीं है। इन लोगों की मांग लगातार बदलती है। जनवरी में इस्तीफा इन्होंने इस्तीफे की मांग की थी। मैंने तब भी कहा था कि मैंने अगर अपने पद से इस्तीफा दे दिया तो इसका मतलब ये है कि मैंने इनके आरोपों को स्वीकार कर लिया है। इस्तीफा देना बड़ी बात नहीं है, लेकिन अपराधी बनकर नहीं। बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा कि मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि इसमें देश के कुछ उद्योगपतियों, जिनको मुझसे कष्ट है और कांग्रेस का हाथ है। आज दिख गया कि इसमें किसका हाथ है।
दो एफआईआर दर्ज
पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि महिला पहलवानों की शिकायत पर कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जिसके तहत यौन अपराधों से पॉक्सो एक्ट समेत आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी ने बताया कि दूसरी प्राथमिकी शील भंग से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत वयस्क शिकायतकर्ताओं की शिकायतों की गहन जांच के लिए दर्ज की गई है।
मैंने पहले ही कहा था कि कार्रवाई चाहते हो तो पुलिस में रिपोर्ट करो- योगेश्वर दत्त
ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली समिति के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस तभी कार्रवाई करेगी जब आप उन्हें इसकी सूचना देंगे। यदि कोई घर पर बैठता है तो वह ऐसा नहीं करेगी। योगेश्वर ने कहा कि पहलवानों को 3 महीने पहले ऐसा करना चाहिए था, मैंने पहले भी कहा था कि अगर वे कार्रवाई चाहते हैं, तो उन्हें इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, पुलिस एक्शन तभी लेगी जब आप रिपोर्ट करेंगे। इसलिए पुलिस में रिपोर्ट कर देनी चाहिए, न्याय तो कोर्ट से ही मिलेगा। दो कमेटी भी बनाई गई थीं, जिसमें एक खेल मंत्रालय ने बनाई थी। कमेटी किसी को दोषी या निर्दोष साबित नहीं कर सकती है और ना ही कमेटी के पास ये पावर है।पावर तो केवल कोर्ट के पास है। दोषी और निर्दोष साबित करने का।कमेटी का तो केवल इतना काम है कि वो दोनों पक्षों की बात सुने और आगे रिपोर्ट सबमिट कर दे।