सुप्रीम कोर्ट ने तीन महिला जजों की बनाई कमेटी, मणिपुर में जाकर देखेगी राहत और पुनर्वास का काम, 42 एसआईटी करेगी जांच करेंगी

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
सुप्रीम कोर्ट ने तीन महिला जजों की बनाई कमेटी, मणिपुर में जाकर देखेगी राहत और पुनर्वास का काम, 42 एसआईटी करेगी जांच करेंगी

New Delhi. मणिपुर हिंसा को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। जहां इस मामले में सियासत तेज हो गई है, वहीं पीड़ित लोगों को राहत देने के लिए कोर्ट ने अहम कदम उठाया है। मणिपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (7 अगस्त) को फिर सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के तीन महिला जजों की कमेटी मणिपुर में जाकर राहत और पुनर्वास का काम देखेगी। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोशिशें की जानी चाहिए, ताकि राज्य के लोगों में विश्वास और कानून के शासन में भरोसा लौट सके। दूसरी ओर, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह कोर्ट पहुंचे और राज्य के हालात की जानकारी दी। उन्होंने प्रशासन द्वार उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया।



कमेटी में ये तीन जज, जाएंगी मणिपुर 



सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है, उसमें जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रहीं गीता मित्तल को हेड बनाया है। कमेटी की दो अन्य सदस्य जस्टिस (रिटायर्ड) शालिनी पी जोशी और जस्टिस (रिटायर्ड) आशा मेनन होंगी। 



सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जानकारी दी है कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति नाजुक है। बाहर के बाहर जांच होने से लोगों में विश्वास पैदा नहीं होगा। सरकार स्थिति को संभालने के लिए परिपक्व तरीके से डील कर रही है। मणिपुर में एक आर्टिफिशियल सिचुएशन बनाई गई है, जिससे बताया जा रहा है कि केंद्र और राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही हैं। यह बहुत उलझाऊ स्थिति है, वहीं मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि मणिपुर हिंसा मामले में सीबीआई जांच की निगरानी महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्तात्रेय पडसालगीकर करेंगे।



सीबीआई की मांग क्या है?



मणिपुर हिंसा को लेकर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ सुनवाई कर रही है। केंद्र सरकार का कहना है कि 6,523 एफआईआर में से 11 महिलाओं और बच्चों की हिंसा से जुड़ी हैं। इनकी जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए। एजेंसी भी 11 मामलों की जांच की मांग कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच मणिपुर हिंसा से जुड़ी 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।



हिंसा के मामलों की जांच करेंगी 42 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम 



सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 42 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) मणिपुर में हिंसा से जुड़े मामलों की जांच करेंगी। इन केसों को अब तक सीबीआई को ट्रांसफर नहीं किया गया है। इन एसआईटी के काम की निगरानी डीआईजी रैंक का अधिकारी करेगा। यह मणिपुर के बाहर का ही होगा। डीआईजी रैंक का एक अफसर 6 एसआईटी की निगरानी करेगा। इन एसआईटी की जिले के आधार पर नियुक्ति होगी। मामले की निगरानी भी की जाएगी।  



इंफाल आने वाले सभी रास्तों को रोका



इंफाल में आने वाले सभी रास्तों को मैतेई महिलाओं के संगठन मेइरा पाइबी ने रोक दिया है। इन्होंने एंट्री पर चेक पॉइंट बनाए हैं। ये महिलाएं सेना और केंद्रीय सुरक्षा बलों की गाड़ियों को रोककर फौजियों के आई-कार्ड चेक कर रही हैं। इंफाल में 500 महिलाओं की भीड़ ने कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस के काफिले को भी रोक दिया। उनका आरोप था कि काफिले में कुकी समुदाय के फौजी हैं। महिलाओं ने जवानों के नाम और राज्य पूछकर उनसे आधार कार्ड की मांग की। 



फायरिंग और प्रदर्शन जारी 



सोमवार (7 अगस्त) को पूरे दिन मणिपुर के अलग-अलग हिस्सों में फायरिंग और प्रदर्शन होते रहे। टेराखोंगसांगबी, मुआलंगत, गोथोल, फोलिजंगा और क्वाक्टा में हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी होती रही। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की है। सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया और नौ हथियार बरामद किए।


मणिपुर न्यूज सीबीआई जांच की मांग उठाई राहत और पुनर्वास सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन जजों की कमेटी बनाई demand for CBI inquiry raised relief and rehabilitation three judges committee formed Supreme Court hearing Manipur violence
Advertisment