किसान आंदोलन से SC के वकील दो फाड़, क्यों अड़े SCBA अध्यक्ष को हटाने

किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के वकील अब दो धड़ों में बंट गए। SC बार एसोसिएशन के 161 वकीलों ने एसोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष अदीश सी अग्रवाल को पद से हटाने की ठान ली है। उन्होंने एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग बुलाने की मांग की है।

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BP shrivastava
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किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के वकील दो धड़ों में बंट गए हैं। एसोसिएशन के 161 वकीलों ने संघ के अध्यक्ष अदीश सी अग्रवाल को हटाने के लिए बैठक बुलाई है।

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NEW DELHI. किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के वकील अब दो धड़ों में बंट गए हैं। SC बार एसोसिएशन के 161 वकीलों ने एसोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष अदीश सी अग्रवाल को पद से हटाने की ठान ली है। उन्होंने एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग बुलाने की मांग की है। ये 161 वकील संघ के मौजूदा अध्यक्ष अग्रवाल के उस खत से खफा हैं, जिसमें उन्होंने  मुख्य न्यायाधीश को लिखकर आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने को कहा था। 

SCBA अध्यक्ष ने लिखी सीजेआई चंद्रचूड़ को चिट्ठी

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अग्रवाल ने सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को लिखी चिट्ठी में यह भी अनुरोध किया था कि किसानों के विरोध-प्रदर्शन के कारण दिल्ली-एनसीआर में भारी जाम की समस्या पैदा हो गई है। इसकी वजह से जो वकील कोर्ट में पेश ना हो पाएं, उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए।

अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की थी

इतना ही नहीं अग्रवाल ने अपनी चिट्ठी में किसान आंदोलन की आड़ में अराजकता फैलाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की भी मांग की थी। चिट्ठी में कहा गया है कि किसानों के 2020-21 वाले आंदोलन के दौरान लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। पत्र में अग्रवाल ने दावा किया था कि किसान आअंदोलन की वजह से कई मौतें हुई थीं। बार अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि 2020-21 के आंदोलन से सबक लेते हुए किसानों के आंदोलन पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जाए।

किसान मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं

बता दें कि तीन दिनों से पंजाब के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की मांग समेत 12 सूत्री मांगों के लिए दिल्ली कूच करते हुए पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर टिके हुए हैं। आज आंदोलनकारी किसानों ने अपने विरोध-प्रदर्शन को रोक रखा है क्योंकि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों के बीच तीसरे दौर की बातचीत होनी है।

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