SC का तंज पतंजलि के वकील कुछ ज्यादा ही स्मार्ट, 1 लाख का जुर्माना

बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण करीब एक महीने से सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर IMA की याचिका पर आज फिर सुनवाई हुई। 

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Pratibha ranaa
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सरस
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BHOPAL. सुप्रीम कोर्ट में आज ( 30 अप्रैल ) को पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन ( Patanjali Misleading Ads Case ) मामले में सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में डेढ़ घंटे सुनवाई हुई। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण करीब एक महीने से सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। इस बार वो पांचवीं बार पेश हुए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों को लेकर अथॉरिटी की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब आप नींद से जागे है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव-प्रवर्तित कंपनी की भी खिंचाई कर कहा कि वह उसके आदेशों का 'पालन नहीं' कर रही है ( Patanjali )।

आप आखिरकार नींद से जाग गए- SC    

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ( Patanjali Fake Advertisement Case ) की ओर से पंतजलि के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस रद्द करने को लेकर कहा कि आखिरकार आप जाग गए। कोर्ट ने कहा कि ऐसा मालूम होता है कि आप की सारी कार्यवाही 10 अप्रैल को कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई है। 

SC ने जताई नाराजगी 

कोर्ट ने पतंजलि के वकील को ओरिजिनल माफीनामा (न्यूज पेपर्स की कॉपी) की जगह ई-फाइलिंग करने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- बहुत ज्यादा कम्युनिकेशन गैप है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये जानबूझकर किया जा रहा है। पतंजलि के वकील ज्यादा स्मार्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड आयुष विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण पर 1 लाख का जुर्माना लगाया है।

रामदेव-बालकृष्ण को अगली पेशी से छूट 

बता दें, अगली सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनावाई के दौरान मौजूद रहने से छूट दे दी गई। इसके अलावा कोर्ट ने पतंजलि को इजाजत दी कि वो अपने माफीनामे वाले विज्ञापन का अखबार पेश कर सके।

बाबा रामदेव की इन दवाओं के लाइसेंस सस्पेंड

उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव ( Baba Ramdev ) की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के लगभग 14 प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया है। यह जानकारी उत्तराखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार शाम हलफनामा दायर कर दी गई। उत्तराखंड सरकार की लाइसेंस अथॉरिटी ने सोमवार को प्रोडक्ट्स पर बैन का आदेश भी जारी किया। इसमें कहा- पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट्स के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी के लाइसेंस को रोका गया है।

राज्य की लाइसेंस अथॉरिटी ने बाबा की इस फर्म की खांसी, ब्लड प्रेशर, शुगर, लिवर, गोइटर और आई ड्रॉप के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 14 दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया है। आदेश को सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेजा गया है।

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