NEW DELHI. देश में बढ़ती महंगाई से आम जनता परेशान है। इसी बीच एक राहत भरी खबर है। पेट्रोल-डीजल के दाम में 10 रुपए कम करने की गुंजाइश है, क्योंकि 1 साल में कच्चे तेल के दाम में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। 10 जुलाई को तो कच्चा तेल 35 प्रतिशत तक सस्ता हो गया था, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं किए गए थे। अब शायद पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने पर विचार किया जा सकता है।
पेट्रोल कंपनियों को हो रहा 3 गुना फायदा
अप्रैल 2022 में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए थे। देश के ज्यादातर शहरों में पेट्रोल 100 रुपए के ऊपर और डीजल 90 रुपए से ऊपर है। पेट्रोलियम रिटेल बिजनेस कंपनियों को 3 गुना मुनाफा हो रहा है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन हर लीटर पर 10 रुपए कमा रही हैं।
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तेल कंपनियों को होगा 1 लाख करोड़ का मुनाफा
क्रिसिल का कहना है कि इस साल IOCL, HPCL, BPCL 1 लाख करोड़ का मुनाफा कमाएंगी। अप्रैल-जून तिमाही में इंडियन ऑयल ने 13 हजार 750 रुपए का मुनाफा कमाया था। वहीं पिछले साल इन्हीं 3 महीनों में 1 हजार 992 करोड़ का घाटा हुआ था। IOCL, BPCL और HPCL का मुनाफा 2023-24 में 1 लाख करोड़ से ऊपर जाने का अनुमान है। 2017 से 2022 के बीच तेल कंपनियों ने सालाना 60 हजार करोड़ का औसतन प्रॉफिट कमाया था। 2022-23 में मुनाफा 33 हजार करोड़ से 3 गुना होने की संभावना है।
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पेट्रोल-डीजल के दाम में 10 रुपए घटाने की गुंजाइश
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल पर फिलहाल करीब 10 रुपए प्रति लीटर कमा रही हैं। उनके पास कीमतें कम करने की पर्याप्त गुंजाइश है। ऐसा करने से अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
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हमारे देश में कैसे तय होती है पेट्रोल-डीजल की कीमत ?
जून 2010 तक भारत सरकार ही पेट्रोल की कीमत तय करती थी। हर 15 दिन में इसे बदल दिया जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने कीमत का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। वहीं अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार ही तय करती थी, लेकिन 19 अक्टूबर 2014 को सरकार ने इसकी जिम्मेदारी भी ऑयल कंपनियों को दे दी। तेल कंपनियां इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, टैक्स, एक्सचेंज रेट, ट्रांसपोर्टेशन खर्च और बाकी चीजें देखते हुए रोज पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।