नई सरकार बनने के बाद BJP में संगठन स्तर में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन पेंडिंग था और अब जेपी. नड्डा के सरकार में शामिल होने के बाद यह और भी साफ हो गया है कि पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा। नड्डा का अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल जनवरी में पूरा हो गया था और उन्हें लोकसभा चुनाव तक एक्सटेंशन दिया गया था।
कौन होगा बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष?
बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही थीं। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल ( Former CM Manohar Lal ) का नाम भी चल रहा था। अब ये दोनों केंद्र की NDA सरकार में मंत्री बन गए हैं, इसलिए अब नए नामों पर चर्चा शुरू होगी। तरह तरह की चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह चल रही है कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश से आ सकता है, क्योंकि इस राज्य ने लोकसभा चुनाव में BJP को जोर का झटका दिया है। साथ ही यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश में संगठन की स्थिति कमजोर हुई है। हालांकि, महाराष्ट्र से भी एक नेता का नाम चल रहा है जो इस वक्त संगठन में ही अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
संघ की मंजूरी के बाद ही बनेगा अध्यक्ष
लोकसभा चुनाव में BJP ने 370 सीटें जीतने का टारगेट रखा था, लेकिन मैजिक नंबर 272 तक के करीब भी नहीं पहुंच पाई। इसके बाद यह माना जा रहा है कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) भी संगठन पर ज्यादा ध्यान देगा और जो भी नया अध्यक्ष बनेगा वह उसकी पूरी सहमति से ही बनेगा। केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके कई लोगों को इस बार सरकार में जगह नहीं मिली है। माना जा रहा है कि उन्हें संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पिछली सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे अनुराग ठाकुर को इस बार मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें संगठन में जगह दी जा सकती है। वह पहले ही BJP युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं। इसी तरह स्मृति इरानी ( Smriti Irani ) सहित कई नेता अब संगठन में काम करते हुए दिख सकते हैं।
इन दो नामों पर भी अटकलें तेज
इससे भाजपा को पार्टी संगठन के भीतर झांकने का मौका मिल गया है। इस पद के लिए दो नामों पर अटकलें लगाई जा रही हैं- महासचिव विनोद तावड़े ( Vinod Tawde ) और सुनील बंसल ( Sunil Bansal )। विनोद तावड़े महाराष्ट्र से हैं और राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वे बिहार के प्रभारी महासचिव हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं।
तावड़े ने पार्टी द्वारा लाभार्थियों के लिए चलाए गए खास अभियानों और जन संपर्क कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से कम समय में ही प्रमुखता हासिल कर ली है। सुनील बंसल एक और नेता हैं जो पार्टी के लिए राज्य महासचिव (संगठन) के रूप में यूपी में अहम भूमिका निभाने के बाद चर्चा में आए। यूपी के बाद बंसल को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना के प्रभारी महासचिव के रूप में राष्ट्रीय कार्य सौंपा गया।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बंसल ने देश भर के कॉल सेंटरों को भी संभाला, फीडबैक एकत्र किया और जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। बंसल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भरोसा जीता है और पार्टी के मामलों को सावधानीपूर्वक संभालने के लिए एक नाम बन गए हैं। ऐसी भी संभावना है कि पार्टी नए अध्यक्ष की तलाश पूरी होने तक कुछ समय के लिए नड्डा को ही अध्यक्ष पद पर बनाए रखे।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक