दिल्ली के शाही ईदगाह पार्क के प्रबंधन समिति ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर करके बिना शर्त माफी मागा हैं । दरअसल शाही ईदगाह पार्क ( Shahi Idgah Park ) में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित किए जाने का विरोध हुआ था। इस पूरे मामले में शाही ईदगाह प्रबंध समिति ( Shahi Eidgah Management Committee ) ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए दिल्ली ईदगाह प्रबंधन समिति को जवाब दाखिल करने को कहा था। इसके बाद आज यानी 27 सितंबर को प्रबंधन समिति ने अदालत को बताया कि उसने बिना शर्त माफी के साथ हलफनामा दायर किया है।
ईदगाह समिति की याचिका विभाजनकारी : कोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने पिछले दिनों ईदगाह समिति की याचिका को विभाजनकारी बताया था। कोर्ट ने कहा था कि वह सांप्रदायिक राजनीति कर रही है और इस प्रक्रिया में अदालत का उपयोग कर रही है। कोर्ट ने ईदगाह प्रबंधन समिति की याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि इतिहास को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित नहीं किया जा सकता। अदालत ने टिप्पणी की कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ( Rani Laxmibai ) सभी धार्मिक रेखाओं को पार करते हुए एक राष्ट्रीय नायक हैं।
प्रतिमा को लेकर है विवाद
दिल्ली में डीडीए ने प्रतिमा को लगाने के लिए शाही ईदगाह के पास अपनी जमीन दे दी थी, लेकिन ईदगाह समिति इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट चली गई। कोर्ट ने अपने फैसले में इसे सरकारी जमीन करार दिया। हालांकि शाही ईदगाह मस्जिद समिति ( Shahi Idgah masjid Committee ) ने इसका विरोध किया। फैसले के खिलाफ समिति कोर्ट पहुंच गई थी।
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