Prayagraj. यूपी के माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम मोहम्मद के एनकाउंटर के बाद शनिवार को कड़े पुलिस पहरे में दफनाया गया। अतीक अहमद बेटे को आखिरी विदाई देना चाहता था, वहीं उसने पुलिस से पत्नी शाइस्ता से मिलवाने की भी गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस रिमांड पर होने और शाइस्ता के फरार होने के चलते मां-बाप दोनों ही असद के फ्यूनरल में शरीक नहीं हो पाए। असद के एनकाउंटर के बाद पूछताछ में अतीक ने बताया है कि पत्नी शाइस्ता असद को खाड़ी देशों में भेजना चाहती थी। वहीं उसने शूटर गुलाम को असद के साथ साए की तरह रहने के लिए भी कहा था।
दरअसल शाइस्ता ने शूटर गुलाम को ही यह जिम्मा सौंपा था कि वो किसी तरह से असद को देश के बाहर निकाल ले जाए। शाइस्ता असद को खाड़ी देशों में असद को भेजना चाहती थी। लेकिन पासपोर्ट की दिक्कत की वजह से वह देश नहीं छोड़ पाया। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि असद को नेपाल के जरिए देश से फरार कराने की कोशिश भी एसटीएफ के चौकन्ने रहने की वजह से कारगर साबित नहीं हुई। इसी वजह से असद यूपी में ही छिपा रहा और आखिरकार पुख्ता सूचना मिलने के बाद एसटीएफ ने उसका एनकाउंटर कर दिया।
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अतीक ने जेल में रहकर की शाइस्ता की मदद
पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि अतीक ने जेल में बैठे-बैठे अपने लोगों से शूटरों की मदद के लिए पत्नी शाइस्ता परवीन को फंड भेजने कहा था। पुलिस अब उन लोगों के नाम उगलवा रही है जिन्होंने फरार शाइस्ता की मदद की है। सूत्रों की मानें तो पूछताछ में अतीक अहमद से पाकिस्तान कनेक्शन और अंडरवर्ल्ड से जुड़े तार के बारे में सवाल किए जा रहे हैं। इधर आज कसारी-मसारी कब्रिस्तान में असद अहमद और गुलाम को दफनाने की रस्म अदा की गई। जनाजे की नमाज के दौरान असद के कुछ चुनिंदा परिजन ही शामिल रहे। वहीं पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन के जरिए पूरे इलाके पर नजर रखी थी।
दरअसल उत्तरप्रदेश पुलिस बेटे की मौत के बाद बुरी तरह से टूट चुके अतीक अहमद से ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाने की फिराक में है। यही नहीं इसके बाद अतीक पर यूएपीए के तहत कार्रवाई संभावित है। वहीं अतीक के पाकिस्तान से हथियार खरीदने और आईएसआई से कनेक्शन पर एटीएस को पड़ताल का जिम्मा सौंपा गया है।