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VARANASI. जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के बयान पर पुरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अल्लाह शब्द संस्कृत का शब्द है। अल्लाह शब्द मातृ वाचक और शक्तिवाचक शब्द है। ओम तो परमात्मा का नाम है। 22 फरवरी, बुधवार को वाराणसी में मीडिया से बातचीत में स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि धर्म पर सवाल उठाने वाले लोग संस्कृत व्याकरण का अध्यन करें। हम सबके पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य ही थे।
शंकराचार्य ने किया बागेश्वर धाम का समर्थन
पुरी पीठ के शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम का समर्थन किया। उन्होंने कहा- उन पर हनुमान जी महाराज की कृपा है। राजनीति में धर्म के इस्तेमाल पर कहा कि दोनों एक-दूसरे से अलग-अलग नहीं हैं। धर्म के बिना राजनीति हो ही नहीं सकती। उन्होंने कहा है कि अल्लाह शब्द मातृशक्ति का है। यह संस्कृत का शब्द है। मां दुर्गा का आह्वान करने के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। धर्म पर सवाल उठाने वाले लोग पहले संस्कृत-व्याकरण का पठन-पाठन करें। हम सबके पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य ही थे।
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हिम्मत हो, तो बाइबल और कुरान पर कटाक्ष करके दिखाएं
शंकराचार्य ने कहा कि रामचरितमानस पर टिप्पणी करने वाले लोग चाणक्य नीति का अध्ययन करें। जो लोग रामायण को लेकर बात कर रहे हैं, उनमें हिम्मत हो, तो बाइबल और कुरान पर कटाक्ष करके दिखाएं, फिर देखिए क्या होता है।
नरेंद्र मोदी ही अगले प्रधानमंत्री बनेंगे
पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती 21 फरवरी, मंगलवार को पांच दिवसीय प्रवास पर वाराणसी पहुंचे। वे 5 दिनों तक चलने वाली संगोष्ठी, दीक्षांत और धर्मसभा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि 2024 में भी नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे, क्योंकि वह देश को लूट कर अपना घर भरने वाले नेता नहीं हैं।
मातृ शक्ति की रक्षा सनातनी परंपरा है
स्वामी निश्चलानंद ने अस्सी घाट पर प्रेस वार्ता में कहा था कि मारीशस सहित 15 देश भारत के हिंदू राष्ट्र होने का इंतजार कर रहे हैं। यह औपचारिकता जैसे ही पूरी होगी, वैसे ही एशिया के अलग-अलग देश खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देंगे। उन्होंने कहा था कि देश में कुछ युवतियों के साथ जो हुआ, वह आधुनिक शिक्षा पद्धति की दिशा हीनता को दर्शाता है। अगर मातृ शक्ति का सम्मान नहीं हुआ तो दुनिया में कुछ नहीं बचेगा। मातृ शक्ति की रक्षा सनातनी परंपरा है। मर्यादा और गोत्र को ध्यान में रखकर ही मातृ शक्ति को कोई कदम उठाना चाहिए।