RAIPUR. रायपुर में आज पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का बड़ा बयान समाने आया है। शंकराचार्य ने कहा कि जाति वर्ण व्यवस्था किसी इंसान ने नहीं भगवान ने बनाई है। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र सभी का अपना कर्तव्य है, अपनी जिम्मेदारी है। चारों वर्ण अपना कार्य अच्छी तरह से करे। जबसे आरक्षण लागू हुआ है, योग्य व्यक्तियों की अवहेलना हो रही है। उच्च पद पर वही व्यक्ति पहुंचे जो योग्य हो। आरक्षण के बल पर अयोग्य व्यक्ति यदि योग्य पद पर बैठ जाए तो इससे देश का भला नहीं हो सकता।
हिंदू राष्ट्र की गूंज अमेरिका के संसद भवन में भी गूंज रही है
आज रायपुर के के सुदर्शन संस्थानम में मीडिया से चर्चा करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि देश को हिंदू राष्ट्र बनाना और सनातन संस्कृति की अलख जगाना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए। अध्यात्म की राह जबसे हमने चुनी है तभी से हिंदू राष्ट्र बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हजारों साल से पृथ्वी पर सनातन धर्म चला आ रहा है। पैगंबर साहब और यीशु मसीह भी पहले सनातनी थे। हिंदू राष्ट्र की गूंज केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका के संसद भवन में भी गूंज रही है। यह आने वाले कल के लिए अच्छा संकेत है।
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धर्मांतरण और गौ हत्या का समर्थन करने वाले मुख्यमंत्री की प्रसिद्धि पर आग लगेगी
मीडिया से चर्चा के दौरान शंकराचार्य महाराज ने कहा कि जो राजनेता गो हत्या बंद कराए और हिंदू राष्ट्र की बात कहे वही देश का सच्चा नेता है। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तरप्रदेश में वैध बूचड़ खाने चलते रहेंगे और अवैध बूचड़ खाने बंद किए जाएंगे। ऐसे में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने गौ हत्या का समर्थन किया था। शंकराचार्य महाराज ने आगे कहा कि अगर कोई मुख्यमंत्री धर्मांतरण और गौ हत्या का मौन समर्थन करता है, तो ऐसे मुख्यमंत्री की प्रसिद्धि पर आग लगेगी। प्रधानमंत्री ने भी गो सेवकों को गुंडा कहकर संबोधित किया। अब इस पर आम जनता ही निर्णय ले। गो हत्या कानून देशभर में लागू किया जाए।
भागवत ने कहा था... पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था
बता दें कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया था। मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, हमारी समाज के प्रति भी जिम्मेदारी है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया? भगवान ने हमेशा बोला है कि, मेरे लिए सभी एक हैं, उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था। भागवत ने कहा था कि, हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आए लोगों ने फायदा उठाया। देश में विवेक, चेतना सभी एक है। उसमें कोई अंतर नहीं, बस मत अलग-अलग हैं।